अंदर से खोखली कर तोड़ी जा रही समृद्ध विरासत
शेखावाटी में हेरिटेज सूची की हवेलियों को योजनाबद्ध रूप से तोड़ा जा रहा है। व्यावसायिक उपयोग के लिए पहले उन्हें अंदर से जर्जर करते हैं, फिर जीर्णशीर्ण बताकर उन्हें तोड़कर कॉम्पलेक्स खड़े किए जाते हैं। पिछले तीन साल में अकेले फतेहपुर में आधा दर्जन हवेलियां टूट चुकी है। अब भी छगनलाल पोद्दार, मोलकचंद चमड़िया व नागवान हवेली में तोड़फोड़ की जा रही है।
निजी स्वामित्व समस्या
हवेलियों के संरक्षण में सबसे बड़ी समस्या इनका स्वामित्व निजी होना है। ज्यादातर हवेली मालिक प्रवासी हैं। ऐसे में वे संरक्षण पर ध्यान नहीं दे पाते और भूमाफिया के दबाव में हवेलियों को बेचने पर मजबूर हो जाते हैं।
पर्यटन व डेस्टीनेशन सेरेमनी सेंटर के रूप में हो विकसित
सरकार हवेलियों के संरक्षण के लिए इन्हें हेरिटेज होटल, डेस्टीनेशन सेरेमनी सेंटर, गेस्ट हाउस, प्री-वेडिंग शूटिंग के लिए विकसित कर सकती है। डूंडलोद व नवलगढ़ की तर्ज पर इन्हें म्यूजियम का रूप में भी दिया जा सकता है। इससे ये बाहरी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों से भी उपयोगी साबित हो सकेगीं।
बजट में हो चुकी घोषणा
राज्य सरकार ने शेखावाटी की ऐतिहासिक कलात्मक हवेलियों के संरक्षण के लिए हालिया बजट में शेखावटी हवेली संरक्षण योजना एवं हेरिटेज वॉक की घोषणा की है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई कार्य योजना व बजट का प्रावधान नहीं हुआ है।
शेखावाटी की हवेलियां अंचल की पहचान व विश्वभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। राज्य सरकार को इनके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाकर अमूल्य धरोहर की रक्षा करनी चाहिए।
– महावीर पुरोहित, इतिहासकार, सीकर