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सिरोही

वर्चस्व के संघर्ष में अपनी जान गंवा बैठा मगरमच्छ

वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में स्थित ट्रेवरटेंक में मिला मगरमच्छ माउंट आबू . वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में स्थित ट्रेवरटेंक में आपसी वर्चस्व के संघर्ष में एक मगरमच्छ ने जान गंवा दी। वन विभाग के दस्ते ने जलाशय से मृत मगरमच्छ को बाहर निकाल कर चिकित्सा बोर्ड से अंत्य परीक्षण कर नियमानुसार अंतिम संस्कार किया। मृत्यु के कारणों […]

सिरोहीMar 16, 2025 / 03:34 pm

MAHENDRA SINGH VAGHELA

र्माउंट आबू. मृत मगरमच्छ का अंत्य परीक्षण करते चिकित्सा बोर्ड के सदस्य

र्माउंट आबू. मृत मगरमच्छ का अंत्य परीक्षण करते चिकित्सा बोर्ड के सदस्य

वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में स्थित ट्रेवरटेंक में मिला मगरमच्छ

माउंट आबू . वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में स्थित ट्रेवरटेंक में आपसी वर्चस्व के संघर्ष में एक मगरमच्छ ने जान गंवा दी। वन विभाग के दस्ते ने जलाशय से मृत मगरमच्छ को बाहर निकाल कर चिकित्सा बोर्ड से अंत्य परीक्षण कर नियमानुसार अंतिम संस्कार किया। मृत्यु के कारणों की जांच आरंभ की है।
वन विभाग सूत्रों के अनुसार शुक्रवार सवेरे ट्रेवर टैंक के पानी में तैरते हुए एक मृत मगरमच्छ की विभाग को सूचना मिली। वनपाल मोहन चौधरी, कार्यालय अधीक्षक रविंद्र सिंह भाटी, सहायक वनपाल आनंद कुमार, वनरक्षक विनोद कुमार, रमेश कुमार, राम कुमार यादव आदि का जाप्ता घटनास्थल पर पहुंचा। लंबी मशक्कत के बाद जलाशय के बीच में तैरते मगरमच्छ का शव बाहर निकाला। पशु चिकित्सक डॉ. अमित चौधरी के नेतृत्व में डॉ. जगदेव सिंह, डॉ. देवजी फूला सांवलिया के बोर्ड ने मृत मगरमच्छ का अंत्य परीक्षण किया। आरआई सुखराजसिंह, एएसआई दलपतसिंह, पशु निरीक्षक अपसी रेहाना आदि की देखरेख में नियमानुसार कार्रवाई करने के उपरांत वन्य क्षेत्र में मृत मगरमच्छ का अंतिम संस्कार किया गया। आपसी वर्चस्व की लड़ाई में जान गंवा बैठे 35 से 40 साल की आयु के सात फुट छह इंच लंबे नर मगरमच्छ के दांत, नाखून, पंजे सभी सुरक्षित पाए गए।


इनका कहना है

मृत मगरमच्छ ने वर्चस्व की लड़ाई में जान गंवाई। जिसके गले सहित शरीर के कई हिस्सों पर गहरे घाव थे। गले की हड्डियां टूटी हुई थी। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि दो मगरमच्छों की लड़ाई हुई होगी। वर्चस्व की लड़ाई में लंबे संघर्ष के बाद मगरमच्छ ने दम तोड़ा। मृत मगरमच्छ का विसरा परीक्षण के लिए लैब में भेज गया है। वहां से अधिकारिक रिपोर्ट आने के बाद ही पुता तौर पर मृत्यु का कारण बताया जा सकेगा।
डॉ. अमित चौधरी, चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सालय, माउंट आबू

मगरमच्छ को करीब पखवाड़े भर पूर्व ही मिनी नक्की लेक के समीप डेथ वैली के पास वन्य क्षेत्र में विचरण करते पाए जाने पर इसे रेस्क्यू करके ट्रेवर टैंक में डाला गया था। दो दिन पूर्व सूचना मिली थी कि टैंक में एक मगरमच्छ घायलावस्था में पड़ा है। जिसे बाहर निकाल कर उपचार किया जा रहा था। शुक्रवार सवेरे सूचना मिली कि उपचाराधीन मगरमच्छ ने दम तोड़ दिया। जलाशयों में मगरमच्छों की अपने क्षेत्र की सीमाएं निर्धारित रहती हैं। अपनी सीमा का उल्लंघन कर दूसरे की सीमा में प्रवेश करने पर अक्सर वर्चस्व का संघर्ष उत्पन्न हो जाता है। इसमें जो भारी पड़ जाता है वह सामने वाले को मार देता है। यही स्थिति इस मगरमच्छ के साथ हुई होगी।
गजेंद्र सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी, माउंट आबू

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