दो दिन वहीं डेरा
जल संसाधन श्रीगंगानगर वृत्त के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला ने बताया कि बांधों से आवक ठीकठाक होने, हरिके हैडवक्र्स से फिरोजपुर फीडर में पानी की आवक सही होने और पुरानी बीकानेर कैनाल के जरिए पानी मिलने के बाद भी गंगनहर का पानी कहां जा रहा है, यह समझ से परे है। इस गुत्थी को सुलझाने के लिए अधीक्षण अभियंता सोमवार को पंजाब जा रहे हैं और वहां दो दिन प्रवास कर यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि गड़बड़ कहां हो रही है।
हमारी रीती, उनकी लबालब
गंगनहर में पानी की मात्रा घटकर 762 क्यूसेक रहने के बाद गंगनहर प्रोजेक्ट चेयरमैन हरविन्द्र सिंह गिल किसान संगठनों के पदाधिकारियों के साथ रविवार को पंजाब गए हैं। वहां पानी का जायजा लेने के बाद गिल ने बताया कि आरडी 45 पर गंगनहर में 350 क्यूसेक पानी की आपूर्ति हो रही है और गेज 3.7 रह गई है। इसके विपरीत पंजाब की नहर ईस्टर्न कैनाल को 3000 क्यूसेक पानी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पंजाब में इस समय धान की रोपाई का काम चल रहा है। वहां खेत पानी से लबालब हैं और यहां किसान कॉटन बिजाई नहीं कर पाने पर मूंग व ग्वार की बिजाई के लिए पानी को तरस रहे हैं। गंगनहर के प्रोजेक्ट चेयरमैन के साथ किसान नेता संतवीर सिंह मोहनपुरा, अमरसिंह बिश्नोई, दिलबाग सिंह फौजी, जगदीप सिंह व सुखबीर सिंह फौजी पंजाब गए हैं।
धान की रोपाई पर ध्यान
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता एडवोकेट सुभाष सहगल का कहना है कि पंजाब सिंचाई विभाग के अधिकारियों का पूरा ध्यान धान की रोपाई पर है। वहां किसानों को धान की रोपाई के लिए पूरा पानी देने के लिए गंगनहर के हिस्से में कटौती कर पानी दिया जा रहा है। रही-सही कसर पानी चोरी करने वालों ने पूरी कर दी है। सहगल का कहना है कि पानी की कमी से गंगनहर क्षेत्र में कॉटन की बिजाई इस बार कम हुई है। अब सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से किसान खेत में खड़ी फसल से भी हाथ धो बैठेंगे।