सत्र 2025-26 से लागू होगा यह निर्णय
यह निर्णय सत्र 2025-26 से लागू होगा। इससे पहले, एलकेजी और यूकेजी जैसी कक्षाओं में भी
सरकारी अनुदान के माध्यम से फीस का भुगतान किया जाता था। अब इन कक्षाओं में प्रवेश के लिए कोई भी सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा। निदेशक के अनुसार इस कदम का मकसद शिक्षा के अधिकार को मुख्य प्राथमिक और पहली कक्षा तक सीमित करना है।
आदेश मांगने पर निजी स्कूल पर कार्रवाई के आदेश
अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि यदि कोई निजी स्कूल आरटीई के तहत नि:शुल्क प्रवेश देने से इनकार करता है या फीस मांगता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
शिक्षा विभाग का अपना तर्क
इस बदलाव के बाद निजी स्कूल केवल पीपी-3 और कक्षा-एक में ही सरकारी सहायता प्राप्त कर सकेंगे। इससे पूर्व प्राथमिक स्तर पर सरकारी अनुदान का लाभ सीमित हो जाएगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे शिक्षा के अधिकार का दुरुपयोग रोका जा सकेगा और संसाधनों का समुचित वितरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।