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श्री गंगानगर

हरियाणा में लिखी गई फायरिंग की स्किप्ट: शूटर ने देर से पहचाना, हड़बड़ाहट में चूका निशाना

– फिल्मी स्टाइल से कॉलोनाइजर आशीष गुप्ता पर किए गए सात राउंड फायर

श्री गंगानगरJun 20, 2025 / 01:05 pm

surender ojha

श्रीगंगानगर. कॉलोइनाजर आशीष गुप्ता पर फायरिंग के पीछे विवादित भूमि खरीदने और बेचने के मामले अहम भूमिका होने की बात कही जा रही है। दो दिन पहले हुई फायरिंग की पुलिस अधिकारियों ने वजह ढूंढ़ी, लेकिन यह बात सार्वजनिक नहीं की। एसपी गौरव यादव खुद घायल गुप्ता से पूछताछ करने के लिए हॉस्पिटल भी पहुंचे थे। वहीं दो गैंगस्टरों की ओर से वायरल की गई पोस्ट भी सामने आई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस गैंग की ओर से कराए गए हमले में शूटर का निशाना चूकने से पूरी प्लानिंग विफल हो गई। जांच में जुटे टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों का कहना था कि हमले की सुपारी हरियाणा की गैंग ने ली। कॉलोनाइजर आशीष गुप्ता की रैकी कर जिम आने और लौटने का समय जाना।शूटर के पास ऑटोमैटिक पिस्तौल थी। उसने जिम से बाहर निकले गुप्ता को थोड़ी देर से पहचाना। इस हड़बड़ाहट में उसने सात राउंड फायर भी किए। पहले फायर के बाद भी गुप्ता जिम की सीढ़ियों की भागे। एक फायर गुप्ता के पांव में लगा। फायर के बाद शूटर और एक अन्य बाइक से अबोहर रोड तक और फिर गुमजाल पहुंचे। वहां एक कार में बैठकर फरीदकोट की ओर चले गए। पुलिस की टीमों ने अबोहर रोड पर लगे सीसीटीवी को बारीकी से खंगाला तो एक कार अबोहर से श्रीगंगानगर आ रही थी, लेकिन वह श्रीगंगानगर आने से पहले वापस चली गई। श्रीगंगानगर से बाइक पर गए शूटर समेत दो युवक अबोहर और श्रीगंगानगर के बीच तक पहुंचे थे। ऐसे में शूटर के कार से भागने का शक पुख्ता हुआ। पुलिस ने कार पर अंकित नम्बरों के आधार पर कार चालक पंजाब के कोटकपूरा निवासी 32 वर्षीय पुरूषोतम को धर दबोचा। उसने पुलिस पूछताछ में स्वीकारा कि उसे दो युवकों को लाने के लिए एडवांस किराया मिला था। इन दोनों को फरीदकोट तक ले गया। वहां से अज्ञात लोग उन दोनों के ले गए।

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पुलिस रिमांड पर अब कार चालक

कॉलोनाइजर आशीष गुप्ता पर हुई फायरिंग के मामले में गिरफ्तार कार चालक को अदालत ने चार दिन पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। शूटर और उसका सहयोगी दोनों हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले से आए थे। श्रीगंगानगर में बाइक उपलब्ध कराई गई, जिससे ये दोनों बसंती चौक के पास जिम पर पहुंचे और गुप्ता पर फायरिंग कर फरार हो गए। बाद में कार चालक पुरुषोत्तम ने दोनों को अपनी कार से पंजाब के फरीदकोट तक पहुंचाया। जानकारी के अनुसार, उसके साथ कार में एक और शख्स था, जो हर मूवमेंट की खबर आगे पहुंचा रहा था। जांच कर रहे सेतिया पुलिस चौकी प्रभारी एसआई रामेश्वरलाल बिश्नोई ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में कई जानकारी दी है। मुख्य आरोपी शूटर का पता चलने पर सीआई पृथ्वीपाल सिंह महेन्द्र गढ़ पहुंचे, लेकिन शूटर और उसका सहयोगी घरों पर नहीं मिले।
हवलदार के बेटे के नाम थी बाइक

फायरिंग मामले में जिस बाइक का इस्तेमाल किया गया, वह शिव चौक के पास संडे सेल से खरीदी गई थी। यह बाइक पहले एक हवलदार के बेटे के नाम थी। खरीदार ने अपने नाम कराने से पहले यह बाइक गैंग तक पहुंचा दी। जब बाइक मिलने का खुलासा फायरिंग की घटना के दो घंटे बाद हुआ तब आनन फानन में बाइक को संबंधित खरीदार के नाम पर करने की प्रक्रिया 17 जून की शाम हुई। जांच अधिकारी ने बताया कि डीटीओ ऑफिस से रेकार्ड मांगा है।

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