जलदाय विभाग के एइएन रोहित जाखड़ ने बताया कि कस्बे में गंगनहर की एफ वितरिका की ओ माइनर से पेयजल भंडारण किया जाता है। उन्होंने बताया कि गंगनहर में एक से 20 अप्रेल तक बंदी प्रस्तावित है। इसके मद्देनजर यहां बनी चार डिग्गियों में निश्चित सीमा तक पानी भंडारित कर लिया गया है लेकिन नहरबंदी की स्थिति से निपटने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में एक दिन छोडक़र जलापूर्ति होगी। उन्होंने बताया कि पेयजल आपूर्ति के लिए कस्बे में सात जोन बने हैं। इन्हें दो वर्गों (पहला दिन व दूसरा दिन) में बांटकर शनिवार से कटौती शुरू की जाएगी। उधर, ग्रामीण क्षेत्र में भी इसी तरह का शैड्यूल तय किया गया है। विभाग ने नहरबंदी के दौरान व्यर्थ पानी बहाए जाने व घरेलू साफ-सफाई के कार्यों में पानी कम खर्च करने की अपील की है।
यह रहेगा शैड्यूल
कार्मिक लालचंद लिम्बा ने बताया कि जलापूर्ति के तय नए शैड्यूल के मुताबिक शहरी क्षेत्र में पहले दिन यानी शनिवार को वार्ड दो व तीन से जुड़े जोन, देवता कॉलोनी जोन से जुड़े पुराना वार्ड 19 व 20 व ब्लॉक एरिया, धानक धर्मशाला जोन से जुड़े पुराना वार्ड चार, पांच, सात व आठ जोन में तथा कच्ची थेड़ी जोन में जलापूर्ति होगी। वहीं, दूसरे दिन यानी रविवार को धानमंडी, लक्कड़ मंडी व नानकबस्ती जोन, पंचायत समिति गुरुसर जोन तथा मुख्य बाजार में जलापूर्ति होगी।
बंदी 20 दिन की पर यह फाइनल नहीं
जानकारी अनुसार पिछले वर्षों में भी 20 दिन के लिए ही नहरबंदी की गई लेकिन यह इससे कहीं अधिक दिन चली। इससे आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस संबंध में एइएन ने बताया कि नहरबंदी के बारे में जल संसाधन विभाग की ओर से ही तय किया जाता है। फिलहाल 20 दिन की नहरबंदी कही जा रही है लेकिन वास्तविक स्थिति के बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिला कलक्टर को अवगत कराने के साथ बंदी के दौरान पीने के लिए पानी छोड़ा जाना चाहिए।