जिले में झींगा पालन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है। हाल ही में कलेक्टर ने कृषि विज्ञान केंद्र, सुकमा का भ्रमण किया था और मछली पालन विशेषज्ञ डॉ. संजय सिंह राठौर एवं मछली पालन विभाग के डी.एल. कश्यप को किसानों को झींगा पालन हेतु प्रशिक्षित करने व जागरूक करने के निर्देश दिए थे।
इसी क्रम में सुकमा विकासखंड के पांच ग्राम पंचायतों- भेलवापाल, झापरा, गोंगला, मुरर्तोंडा और गादीरास के कुल 40 तालाबों का सर्वेक्षण कर उन्हें झींगा पालन के लिए उपयुक्त पाया गया है। चिन्हांकित तालाबों में आगामी दिनों में वैज्ञानिक निगरानी और तकनीकी सहयोग के साथ झींगा पालन की शुरुआत की जाएगी।
झींगा: पोषण और लाभ का स्रोत
झींगा एक मीठे जल का सर्वाहारी जलीय जीव है, जो प्राकृतिक रूप से प्लवक, जलीय कीटों व सूक्ष्मजीवों को खाता है। झींगा में उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन और स्वस्थ वसा होता है, जो मस्तिष्क विकास, हृदय स्वास्थ्य और कुपोषण की रोकथाम में सहायक होता है। आजीविका का नया रास्ता खोलेगी
कृषि विज्ञान केंद्र की पहल और मत्स्य विभाग की तकनीकी सहयोग से यह परियोजना सुकमा के
किसानों के लिए आजीविका का नया रास्ता खोलेगी। झींगा पालन के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि लाने की उमीद की जा रही है। कलेक्टर श्री ध्रुव की यह पहल सुकमा को मत्स्य पालन के एक नए मॉडल जिले के रूप में स्थापित कर सकती है।