बता दें कि शासन की नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर यह किया है। आत्मसमर्पित
नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपए और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों की फुल डिटेल
महिला नक्सली रीता उर्फ डोडी सुक्की, उम्र 36 साल, सीआरसी रिजनल कम्पनी नम्बर 02 की सदस्या, 8 लाख की इनामी नक्सली
नक्सली राहुल पुनेम, उम्र 18 साल, पीएलजीए बटालियन का सदस्य, 8 लाख रुपये का इनामी नक्सली
नक्सली लेकाम लखमा, उम्र 28 साल, 3 लाख का इनामी नक्सली
नक्सली सोड़ी चुला, उम्र 20 साल, 2 लाख का इनाम घोषित
नक्सली तेलाम कोसा, उम्र 19 साल, 2 लाख रुपये का इनामी
नक्सली डोडी हुर्रा, उम्र 29 साल, 2 लाख का इनामी नक्सली
नक्सली माड़वी माड़का, उम्र 18 साल
नक्सली रवा भीमा, उम्र 45 साल
नक्सली सोड़ी देवा, उम्र 30 साल
नक्सली सोड़ी हड़मा, उम्र 32 साल
नक्सली हेमला हिड़मा, उम्र 40 साल
नक्सली माड़वा सन्ना, उम्र 42 साल
नक्सली पदाम दारा, उम्र 31 साल
नक्सली सोड़ी भीमा, उम्र 32 साल
नक्सली पुनेम चैतु, उम्र 23 साल
नक्सली लेकाम लखमू, उम्र 30 साल
गांव को मिलेगी 1 करोड़ रुपये की विकास राशि
केरलापेंडा गांव को अब नक्सलमुक्त घोषित किया गया है। इस गांव को ‘एलवाड़ पंचायत योजना’ के तहत 1 करोड़ रुपये की विकास राशि मिलेगी। यह योजना उन पंचायतों को प्रोत्साहित करती है जहां नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं और पंचायत उन्हें नक्सलमुक्त घोषित करती है। यह जिले का दूसरा गांव है, जो इस योजना के तहत नक्सलमुक्त बना है। इससे पहले अप्रैल में बडेसत्ती गांव को भी नक्सलमुक्त घोषित किया गया था जब वहां के 11 निचले स्तर के नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।
नए पुनर्वास नीति के तहत पहले बड़ेसट्टी को छत्तीसगढ़ का पहला नक्सली मुक्त पंचायत घोषित किया गया था, और अब केरलापेंदा इस कड़ी में दूसरा पंचायत बना है। राज्य सरकार द्वारा ?1 करोड़ की विकास राशि के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है।’’ – किरण चव्हाण, एसपी