Sukma-Bijapur Naxal Encounter: कई घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में दक्षिण बस्तर डिवीजन और पीएलजीए बटालियन क्रमांक 01 का
आईईडी एक्सपर्ट कोरसा महेश (इनामी 8 लाख), पीपीसीएम प्लाटून नंबर 30 का डिप्टी कमांडर था। इसके अलावा, मारे गए अन्य नक्सलियों में माडवी नवीन उर्फ कोसा (इनामी 5 लाख), जो एसीएम पश्चिम बस्तर का सदस्य था, और अवलम भीमा (इनामी 5 लाख), जो एसीएम जोनागुड़ा क्षेत्र का निवासी था, शामिल हैं।
महेश 2023 और 2024 में बेदरे और जगरगुंडा क्षेत्र की कई घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा है। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और सामग्री बरामद की। इसमें 2 बीजीएल लॉन्चर, 1 12-बोर राइफल, विस्फोटक सामग्री, नक्सली साहित्य और दैनिक उपयोगी सामान शामिल हैं।
सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र में पुलिस ने चार नक्सलियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। ये सभी नक्सली वर्ष 2023 में दो ग्रामीणों की हत्या की घटना में शामिल थे। इन नक्सलियों को पकड़ने के लिए थाना चिंतागुफा पुलिस बल और डीआरजी की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की।
घेराबंदी कर नक्सलियों को पकड़ा गया
ज्ञात हो कि नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत 8 जनवरी को चिंतागुफा थाना से डीआरजी और जिला बल की संयुक्त टीम नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर ताड़मेटला के जंगल की ओर रवाना हुई। अभियान के दौरान, ताड़मेटला के जंगल क्षेत्र में खेत लाड़ी के पास पुलिस टीम ने कुछ संदिग्धों को देखा। पुलिस को देखकर संदिग्ध भागने लगे, लेकिन घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया गया। पूछताछ करने पर अपना नाम सोड़ी देवा सीएनएम सदस्य, दुलेड़ आरपीसी अंतर्गत, माड़वी माड़ा, सोड़ी भीमा, मोटू उर्फ अश्विन उर्फ पोडियाम देवा मिलिशिया सदस्य होना बताया।
हत्या की वारदात में थे शामिल
गिरतार नक्सलियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर ग्राम ताड़मेटला के कवासी सुक्का और माड़वी गंगा को पुलिस मुखबिरी के संदेह में मोरपल्ली के जंगल में जनअदालत लगाकर हत्या की थी।
इस घटना का मामला चिंतागुफा थाना में पहले से दर्ज था। गिरफ्तार नक्सली घटना के बाद से पिछले एक साल से फरार चल रहे थे। 9 जनवरी को चारों नक्सलियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
बस्तर में बढ़ते सुरक्षा बलों के प्रभाव
सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई ने नक्सलियों के खिलाफ मजबूत दबाव बनाया है। इन अभियानों से बस्तर क्षेत्र में शांति और विकास की प्रक्रिया को गति मिलने की उम्मीद है। शीर्ष नक्सलियों की उपस्थिति की मिली थी सूचना
नक्सल विरोधी सर्च अभियान में 8 जनवरी को सुकमा डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने पालीगुड़ा-गुंडराजगुड़ेम क्षेत्र में शीर्ष माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर अभियान शुरू किया। 9 जनवरी की सुबह 8 बजे के करीब सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच जंगल-पहाड़ी इलाके में मुठभेड़ हुई, जो रुक-रुक कर चलती रही। मुठभेड़ समाप्त होने के बाद तीन हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद किए गए।
6 दिनों में 8 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद
Sukma-Bijapur Naxal Encounter: बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी.: वर्ष 2024 में नक्सल विरोधी अभियान की सफलता को जारी रखते हुए 2025 में भी बस्तर संभाग में सुरक्षा बलों ने प्रभावी अभियान चलाए। पिछले 6 दिनों में कुल 8 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। तमाम साजिशों और कायराना हरकतों के बावजूद, सुरक्षा बल बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।