विभाग हुआ सख्त
हाल ही में शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। विभाग ने इसके लिए हमारे शिक्षक एप के माध्यम से व्यवस्था की थी। इसमें शिक्षकों को स्कूल खुलने के आधा घंटे के अंदर और स्कूल बंद होने के आधा घंटे के भीतर आने और जाने की उपस्थिति दर्ज करानी थी। यह आदेश आते ही विभिन्न शिक्षक संघों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। पिछले रविवार को तो इसके लिए शिक्षक संघ ने नगर में रैली निकाल कर ज्ञापन दिया था। यह विरोध प्रदेश के अन्य जिलों में भी किया जा रहा है। वहीं कुछ लोग भी शिक्षकों के इस विरोध को गलत बता रहे थे। लेकिन अब इस विरोध को खत्म करने के लिए विभाग भी सख्त होता दिखाई दे रहा है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षकों के साथ अतिथि शिक्षकों को भी ई-अटेंडेंस के माध्यम से ही अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
सोशल मीडिया पर विरोध में लिखा तो कार्रवाई
विभाग के संचालक ने कलेक्टर एवं एसपी को पत्र लिख ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। लोक शिक्षण संचालनालय के इस पत्र में बताया गया है कि स्कूल समय से खुले और बच्चों को अच्छी शिक्षा विभाग की प्राथमिकता है। इसलिए सभी शिक्षकों को समय से स्कूल जाना होगा और ई-अटेंडेंस के माध्यम से ही उपस्थित दर्ज करानी होगी। संचालक ने स्पष्ट किया कि यदि कोई भी विरोध करता है या विरोध में सोशल मीडिया पर कोई संदेश प्रसारित करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। विभाग ने जिला शिक्षाधिकारी को भी पत्र भेजा है। इसमें जिन स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है, उनकी उपस्थिति भी ई-अटेंडेंस के माध्यम से लेना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इनकी व्यवस्था भी हमारे शिक्षक एप पर की गई है।
सख्त आदेश के बाद संगठन मौन
यह आदेश 17 जुलाई को जारी किया गया है। इस आदेश के बाद अब किसी प्रकार का विरोध नहीं दिखाई दे रहा है, जबकि ई-अटेंडेंस का आदेश आते ही विभिन्न शिक्षक संघों ने बैठक कर इसका विरोध शुरू कर दिया था। सबसे पहले पीएमयूएम शिक्षक संघ ने 22 जून को बैठक कर इसे लेकर जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा था और इसे शिक्षकों के समान के विरोध में बताया था। साथ ही यह निर्णय वापस न लिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। वहीं कुछ दिन बाद 13 जुलाई को आजाद अध्यापक संघ ने इसके विरोध में बड़ी रैली निकाली थी। इसमें जिले भर के शिक्षकों के साथ ही बड़ी संया में अतिथि शिक्षकों को बुलाया गया था। लेकिन अब विभाग की सख्ती को देखते हुए संगठन चुप दिखाई दे रहे है।