ये है मामला
रामनगर गांव के विशाल अहिरवार ने बताया, 22 अप्रैल को वह पिता रामदयाल के साथ ललितपुर से गोंडवाना ट्रेन में चढ़ा। रात 2.15 बजे के करीब आगरा से मथुरा के बीच पिता बाथरूम गए और वहीं बीड़ी पीने लगे। तभी स्लीपर कोच से आए जवान ने मारपीट की। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया। इसके बाद जब पिताजी वापस आए तो उन्होंने पूरी कहानी बताई और कुछ देर बाद अचानक वो गिर पड़े। उनके बेटे उनपर पानी की छींटे मारे लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई थी। यह भी पढ़े –
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मृतक के बेटे ने बताया कि पिता के मौत के बाद आरपीएफ का वही जवान आजाद और उसके साथ एक अन्य जवान वहां आए और अपनी ओर से सफाई देते हुए कहने लगे की हमने सिर्फ एक चांटा इनको मारा है। बाकी हमने कुछ नही किया। उन्होंने मृतक के बेटे से कहा कि मौत हार्ट अटैक से हुई है।
शिकायत करने पर धमकाया गया
मजबूर बेटे ने मथुरा स्टेशन पर पिता का शव उतरवाया और किसी तरह शव लेकर अपने गांव रामनगर आ गया। अपने पिता का शव वापस टीकमगढ़ ले जाने से पहले मथुरा जंक्शन पर मृतक के बेटे ने जीआरपी थाने में शिकायत की। लेकिन पुलिस ने शिकायत नहीं ली है। उन्होंने मदद करना तो दूर उल्टा उसे डराना और धमकाना शुरू कर दिया। इसके बाद बाप बेटे ललितपुर स्टेशन से गोंडवाना एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में दिल्ली के लिए यात्रा कर रहे थे। पुलिस ने मृतक की पहचान रामदयाल अहिरवार के रूप में की है जो टीकमगढ़ के पलेरा कस्बे का निवासी था।मृतक के बेटे ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।