Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में डोटासरा द्वारा स्पीकर वासुदेव देवनानी को लेकर की गई टिप्पणी मामले के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में गतिरोध बना हुआ है। शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को उदयपुर में स्कूल के एक कार्यक्रम में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को लेकर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि डोटासरा तो भगवान राम और श्रीकृष्ण को मानते ही नहीं है। अब ऐसे में उनके लिए गीता क्या मायने रखती है।
शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने कार्यक्रम के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि डोटासरा को ईगो छोड़कर माफी मांग लेनी चाहिए थी। डोटासरा तो कहते थे कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर नहीं बनने देंगे और बन गया तो तोड़ देंगे। भगवान राम और श्रीकृष्ण को मानते ही नहीं है।
सदन में आकर मुकर गए डोटासरा- शिक्षामंत्री
दिलावर ने कहा कि बैठक में तय हो गया था कि डोटासरा माफी मांगेंगे। स्पीकर ने सहृदयता दिखाते हुए निलंबित सदस्यों को सदन में बुलाया, उनको विशेष स्वीकृति दी। इसके बाद सदन में आकर वे मुकर गए और सदन स्थगित हो गया।
डोटासरा के व्यवहार से लोग दुखी- दिलावर
शिक्षामंत्री ने कहा कि डोटासरा सदन में आएं या नहीं आएं उससे कोई अंतर नहीं है। राजस्थान की जनता थू-थू कर रही है। कांग्रेस के लोग आपस में लड़ रहे हैं। सदन में पूर्व में मेरे से भी गलती हुई तो मैंने भी माफी मांगी है। कोई मांगने से छोटा नहीं हो जाता है। डोटासरा के व्यवहार से मुख्यमंत्री, स्पीकर, सत्ता पक्ष के लोग दुखी हैं।
बैठक में तय हुआ था अविनाश गहलोत माफी मांगेंगे- डोटासरा
गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार कहा था कि हम इस गतिरोध को खत्म करने के लिए स्पीकर के कक्ष में गए थे। वहां यह बात तय हो गई थी कि अविनाश गहलोत माफी मांगेंगे और मैं पूरे घटनाक्रम पर खेद प्रकट करुंगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह लोग गीता पर कसम खा कर यह बोल दें कि मेरी माफी की बात हुई थी। अगर यह साबित हुए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।