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उदयपुर

दिनभर हंगामा, छत पर चढ़े छात्र, शाम को कार्यादेश, नहीं माने कर्मचारी

एसएफएबी कर्मचारियों के समर्थन में उतरे विभिन्न संगठन, अब 11 माह के कार्यादेश जारी करने की मांग पर अड़े, शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ ने उठाई साइंस कॉलेज डीन को हटाने की मांग

उदयपुरJan 11, 2025 / 12:59 am

अभिषेक श्रीवास्तव

कुलपति सचिवालय में घुसने का प्रयास करते प्रदर्शनकारी

उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में गुरुवार का दिन हंगामे और प्रदर्शन के नाम रहा। सेवा विस्तार का कार्यादेश जारी नहीं होने पर एसएफएबी (स्ववित्त पोषित सलाहकार मंडल) कर्मचारी एक ही दिन बाद फिर से हड़ताल पर उतर आए। शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ से जुड़े कार्मिक और विद्यार्थी भी समर्थन में आ गए। सुबह ही उन्होंने प्रशासनिक भवन को घेर लिया। कुलपति सहित विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। एबीवीपी से जुड़े कार्यकर्ता भवन की छत पर चढ़ गए। दिनभर चले प्रदर्शन के बाद शाम को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दो माह सेवा विस्तार का कार्यादेश जारी किया, लेकिन कर्मचारी नहीं माने। वे अब 11 माह के सेवा विस्तार की मांग पर अड़ गए हैं।

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विश्वविद्यालय में कार्यरत करीब 300 एसएफएबी कर्मचारियों का सेवा विस्तार संबंधी कार्यादेश 31 दिसम्बर को समाप्त हो गया था। ऐसे में शीतकालीन अवकाश के बाद 2 जनवरी को जैसे ही विश्वविद्यालय खुला ये कार्मिक हड़ताल पर उतर आए। छह दिन की हड़ताल के दौरान विश्वविद्यालय के कई कामकाज ठप हो गए। कुलपति के अवकाश से लौटने के बाद गत मंगलवार को कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय अतिथि गृह में उनकी मौजूदगी के दौरान बाहर धरना दे दिया। जिसके तत्काल बाद डीन डायरेक्टर्स की बैठक बुलाकर समाधान पर चर्चा की। इस दौरान दो माह के लिए उनके सेवा विस्तार का निर्णय किया। आश्वासन के बाद बुधवार को कर्मचारी काम पर लौट आए। लेकिन शाम तक सेवा विस्तार संबंधी कार्यादेश जारी नहीं हुआ। ऐसे में कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त हो गया। वे गुरुवार को फिर से हड़ताल पर उतर आए। दिनभर प्रशासनिक भवन में हंगामे जैसा माहौल रहा। कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने कुलपति सचिवालय में घुसने का प्रयास किया। आखिरकार शाम को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दो माह का सेवा विस्तार संबंधी आदेश जारी किया गया। लेकिन कर्मचारियों ने मानने से इनकार दिया। उनका कहना है कि एसएफएबी की नियमावली में हर साल 11 माह का कार्यादेश एक साथ निकालने का प्रावधान है। विश्वविद्यालय प्रशासन पिछले कई माह से इसे टुुकड़ों में जारी कर रहा है, ऐसे में कर्मचारियों के भविष्य पर तलवार लटकी हुुई है। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. कुंजन आचार्य ने बताया कि कार्यादेश जारी करने की प्रक्रिया लम्बी होने के कारण देरी हुई थी। अब सेवा विस्तार के कार्यादेश जारी कर दिए हैं। उम्मीद है कल से कर्मचारी काम पर लौट आएंगे।

आज से ठप होगी समूची व्यवस्थाएं, कई संगठनों का समर्थन

एसएफएबी कर्मचारियों को अब अन्य संगठनों का भी समर्थन मिल गया है। गुरुवार को शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ और सहायक कर्मचारी संघ ने भी उनके समर्थन में कार्य बहिष्कार किया। शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रवीण सिंह सारंगदेवोत ने बताया कि जब तक एसएफएबीकर्मचारियाें की समस्या का स्थायी समाधान नहीं होता, उनका समर्थन करते रहेंगे। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. एम.एस. ढाका को भी पद से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ढाका ने संगठन को विज्ञान भवन में बैठक करने से रोका और कर्मचारियों के साथ अभद्रता भी की। वहीं सुविवि शिक्षक संघ भी प्रदर्शन में शामिल हुआ। अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि संगठन ने आंदोलन को समर्थन दिया है।

एबीवीपी ने विभिन्न मुद्दों पर जताया रोष

एबीवीपी की विश्वविद्यालय इकाई प्रदर्शन में शामिल हुई। छात्र प्रशासनिक भवन की छत पर चढ़ गए। प्रदेश सह मंत्री कुलदीप सिंह सुखवाड़ा ने कहा कि विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता ने कर्मचारियों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने प्रवेश प्रक्रिया में उदासीनता, परीक्षाओं में देरी, परिणामों में विसंगतियां व कर्मचारियों की हड़ताल जैसी निरंतर अनियमितताओं पर रोष जताया। कहा कि इन मामलों को सुलझाने में विश्वविद्यालय प्रशासन विफल रहा है। महानगर मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि यदि एसएफएस प्रणाली समाप्त कर दी जाती है तो नियुक्तियां प्लेसमेंट एजेंसी के बजाय संविदा नियमों के अनुसार की जाए। विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष प्रवीण टांक ने कहा कि बॉम की अति आवश्यक बैठक बुलाकर सभी योग्य शिक्षकों की पदोन्नति के आदेश दिए जाएं। प्रदर्शन में इकाई सचिव गौतम बंधु, रौनक राज सिंह शक्तावत, किरण वैष्णव, त्रिभुन सिंह राठौड़, भानु प्रताप, अमन विश्वकर्मा, चिराग तिवारी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

शिक्षक भी आंदोलन की राह पर

दूसरी ओर विश्वविद्यालय शिक्षकों की बैठक शुक्रवार को अतिथि गृह में बुलाई गई है। दोपहर एक बजे होने वाली बैठक में विश्वविद्यालय के सभी संगठनों से जुड़े शिक्षक शामिल होंगे। जो कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत पदोन्नति के मामले में हो रही देरी को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

इनका कहना …

एसएफएबी नियमावली के तहत एक साथ 11 माह का कार्यादेश जारी करने का प्रावधान है। विश्वविद्यालय प्रशासन यहां एजेंसी व्यवस्था लागू करने पर आमादा है, इसीलिए टुकड़ों में कार्यादेश निकाले जा रहे हैं। अब हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। हड़ताल जारी रहेगी। विद्यार्थियों, शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक एवं सहायक कर्मचारी संघ ने भी हमें समर्थन किया है।
नारायणलाल सालवी, अध्यक्ष, मोहनलाल सुखाड़िया कर्मचारी संघ

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