लिखित में रिपोर्ट मिलने के बाद उसे जयपुर मुख्यालय भिजवा दिया गया है। अब अधिकारियों का कहना है कि वहां से आदेशानुसार ही जांच का क्रम आगे बढ़ाया जाएगा। विभाग स्तर पर चल रहे चिट्ठी के इस खेल में अभी भी अनुत्तरित सवाल खड़ा है कि आखिरकार डीजल किसने पिया, गाड़ी ने या अफसरों ने।
राजस्थान पत्रिका के 21 मई के अंक में छपी थी गड़बड़झाला की खबर
गाड़ी की टंकी 40 लीटर की और डीजल भरवाया 65 लीटर शीर्षक से खबर प्रकाशित कर सीएमएचओ कार्यालय की एबुलेंस गाड़ियों में डीजल घोटाले को उजागर किया था। इसमें सीएमएचओ के अधीन एबुलेंस और गाड़िय़ों की 40 से 45 लीटर की टंकियों में 65 से 70 लीटर डीजल भरवाने की गड़बड़ियां खुली थी। इनमें कई गाड़ियां तो ऐसी थी, जिनमें बिना शहर से बाहर गए लगातार दिनों में 5-5 हजार का डीजल भरवाया गया।
राजस्थान में एंबुलेंस से निकली ऐसी चीज, दंग रह गए पुलिस अफसर, कई थानों की पुलिस कर रही थी पीछा
बाबू ने अब तक नहीं दिया नोटिस का जवाब
इधर, सीएमएचओ डॉ. अशोक आदित्य ने वाहन संधारण करने वाले कनिष्ठ लिपिक अनूप साहनी को पूर्व में कारण बताओ नोटिस थमाते हुए उसका पदस्थापन पुन: मूल जगह नाई सीएचसी में किया। इस आदेश के बाद एक बार वह फरार हो गया। वापस आने पर पहले उसे मूल विभाग में भेजा गया और उसे जवाब व जांच के लिए पुन: प्रतिनियुक्ति पर सीएमएचओ कार्यालय में लगाया गया है।
रेजिडेंट ने की सुसाइड की कोशिश, जोधपुर से साढ़े तीन घंटे में जयपुर पहुंची एंबुलेंस, बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर
लिखी तीन चिट्ठियां, मांगे कई पाइंट के जवाब
डीजल घोटाले का पत्रिका में खुलासे के बाद संयुक्त निदेशक कार्यालय से सीएमएचओ को अलग-अलग समय में तीन पत्र भेजे गए। हर पत्र में उन्होंने पत्रिका की खबर में एक-एक लाइन का हवाला देकर उस संबंध में जवाब व रिपोर्ट मांगी। सीएमएचओ ने उसकी जानकारी उपलब्ध करवा दी। संयुक्त निदेशक कार्यालय से इस रिपोर्ट को चिकित्सा विभाग को भिजवा दिया गया। वहां से अब अग्रिम आदेश पर कार्रवाई की जाएगी।