पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने ‘स्त्री देह से आगे’ विषय विवेचन पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में ये शब्द कहे। मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में आयोजित इस कार्यक्रम में ‘अर्द्धनारिश्वर ही सृष्टि और समाज का आधार’ के महत्व को गहराई से समझाते हुए कोठारी ने वर्तमान में स्त्री-पुरुष का बढ़ता भेद और उस पर महिलाओं पर बढ़ते अपराधों पर चिंतन करने की बात कही है।
आज हम संसाधन बन गए हैं, हमारा इज्जत कहां है?
व्यक्ति दिव्य उत्पाद है, उसे निकृष्ठ बना दिया। आर्थिक प्रगति आदमी से बड़ी हो गई, मूल प्रश्न ये है कि आज हम संसाधन बन गए हैं, तो हमारी इज्जत कहां है? आज नारी संसाधन की वस्तु बन गई और सारे अत्याचार उसी पर हो रहे हैं, आज अर्द्धनारिश्वर की ये पूर्णता क्यों खत्म हो गई? उन्होंने आगे कहा कि पहले दो आत्माओं की शादी होती थी, आज दो शरीरों की शादी होती है। आज कोई नहीं कहता कि मैं आत्मा हूं, आज शरीर जीता है, आत्मा नहीं..।
पत्रिका की-नोट में बोले सीएम मोहन यादव- पत्रिका का मतलब विश्वसनीयता और भरोसा आज की शिक्षा केवल करियर और पैकेज
कोठारी ने कहा कि, आज हमारी शिक्षा हमें क्या सिखा रही है? आप किसी भी स्कूल, कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में पहुंच जाएं, हर जगह आपको क्या सिखाया जाता है या आप क्या सीखना चाहते हैं, आज इन संस्थानों में सिर्फ…करियर और पैकेज की बात की जाती है, हम और कुछ नहीं सीखते।
मां बाप की पूरी पूंजी खत्म करके आज हम पेट भरने के लिए नौकरी ढूंढ रहे हैं, क्यों ऐसी परिस्थितियां हमारे सामने आ रही है, सारी चेतना जड़ के पीछे यानि लक्ष्मी के पीछे भाग रही है। संवेदनाएं कहां हैं? संवेदनाएं आज सिखाई कहां जाती हैं?
कॉलेजों में लक्ष्मी, अंधकार, पंचमहाभूतों का पाठ पढ़ाया जा रहा है, हमारे अस्तित्व को मिट्टी में मिलाना सिखाया जा रहा है। आत्मा की चर्चा नहीं हम शरीर में जी रहे हैं, सोचेंगे तो पाएंगे हमने क्या खोया और क्या पाया…?
महिलाओं की जिज्ञासा को किया शांत
पत्रिका स्टेट एडिटर विजय चौधरी के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में गुलाब कोठारी ने महिलाओं से अस्तित्व, महत्व और दिव्यता पर वैदिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर चर्चा की। यह आयोजन भरतपुरी स्थित मध्यप्रदेश सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान (Madhya Pradesh Social Science Research Institute) सभागार में हुआ। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं की जिज्ञासाओं के उत्तर भी दिए। भरतपुरी स्थित मध्यप्रदेश सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान (Madhya Pradesh Social Science Research Institute) सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में उज्जैन के सामाजिक कार्यकर्ता, प्रोफेसर, प्रोफेशनल्स व कॉलेज की छात्राओं ने भाग लिया।