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खरमास खत्म, फिर बजेंगी शहनाइयां, अप्रैल से जून तक जानें शादी के कितने शुभ मुहूर्त

Shubh Vivah Muhurat 2025: सूर्य के मेष राशि में गोचर करते ही खरमास का अंत हो गया है, आज से विवाह के शुभ मुहूर्त 8 जून तक रहेंगे, इसके बाद 6 जुलाई से गुरु के अस्त होने से एक बार फिर से विवाह या मांगलिक कार्यो पर रोक लग जाएगी। यहां देखें अप्रैल, मई और जून 2025 में कब और कितने शुभ विवाह मुहूर्त…

उज्जैनApr 14, 2025 / 10:08 am

Sanjana Kumar

Shubh Vivah Muhurat

Shubh Vivah Muhurat in April may and June

Vivah Muhurat 2025 April, May, June: सूर्य के मेष राशि में गोचर करते ही खरमास का अंत भी हो गया। फिर से विवाह की शहनाई गूंजने लगेंगी और शुभ व मांगलिक कार्यक्रम प्रारंभ हो जाएंगे। सोमवार से शुरू होने वाला विवाह का शुभ समय 8 जून तक रहेगा, इसके बाद 6 जुलाई से शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी।
पं. अमर डब्बावाला के अनुसार खरमास के प्रारंभ होते ही एक माह पर्यंत इस कालखंड में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते, क्योंकि मीन राशि के अधिपति बृहस्पति हैं और बृहस्पति की राशि में जब सूर्य का गोचर होता है तब मांगलिक कार्य निषिद्ध माने जाते हैं। इसलिए 13 अप्रेल मध्य रात्रि और 14 अप्रेल की अलसुबह सूर्य का मीन राशि को छोड़कर के मेष राशि में प्रवेश किया, जिसके बाद से पुन: मांगलिक कार्य शुरु हो गए हैं।

अप्रेल और मई में सबसे ज्यादा मुहूर्त

पं. अमर डब्बावाला के अनुसार सूर्य के मेष राशि में आने से शादी विवाह के साथ नामकरण, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत, मुंडन आदि शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। इस बार 14 अप्रेल से 8 जून तक विवाह के 30 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। शादी विवाह के शुभ मुहूर्त पर 6 जुलाई को विराम लग जाएगा, जो 2 नवंबर तक जारी रहेगा इसके बाद फिर से शादी की शहनाई गूंजने लगेंगी।

क्या कहता है पंचांग

पं. अमर डब्बावाला के अनुसार पंचांग की गणना के अनुसार देखे तो सूर्य का श्रेष्ठ बल या सूर्य के उच्च अंश की कक्षा मेष राशि में मानी जाती है। यह भी एक कारण बनता है क्योंकि मीन राशि में सूर्य का अंश कमजोर होता है। यह भी एक कारण है, जब सूर्य का मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में परिवर्तन होता है तब सूर्य का अंश अर्थात उनकी डिग्री बढ़ जाती है, या कहा जा सकता है कि उच्च अंश में आकर के अपना सकारात्मक प्रभाव छोड़ते है। यही कारण है की चैत्र, वैशाख में मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।

यहां देखें कब कितने मुहूर्त

● अप्रेल- 18 और 30

● मई- 1, 7, 8, 28, 29

● जून- 8

चौल कर्म (मुंडन) संस्कार

● अप्रेल- 14, 24

● मई- 1,3
(8 जून के बाद गुरु का वार्धक्य दोष एवं गुरु का अस्त होना, विवाह आदि नहीं हो सकेंगे) 16 नवंबर से विवाह कार्य पुन:: आरंभ होंगे।

● नवंबर- 16, 22, 23, 25, 30 दिसंबर- 04

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