शहर का ऐसा कोई इलाका जहां रोजाना घंटों बिजली कटौती नहीं हो रही है। दोपहर की चिलचिलाती धूप के बाद जब लोग घर लौटते हैं तो राहत की जगह बिजली गुल मिलने पर तनाव और थकान और बढ़ जाती है। मुकेश और सुरेश ने बताया कि बच्चे दिन में ठीक से सो नहीं पा रहे। रात को भी कभी-कभी बिजली आंखा-मिचौली खेलती रहती है। कूलर-फ्रिज सब खिलौने बने हुए हैं और काम पर भी थकान रहती है।
गर्मी की तीव्रता के कारण बिजली की मांग अधिक हो गई। इस कारण निगम का सिस्टम ओवरलोड हो गया। इससे क्षेत्र में बिजली सप्लाई में बार-बार फाल्ट, ट्रांसफार्मर जलना, फ्यूज उडऩा और ट्रिपिंग जैसी समस्याएं भी आ रही थी। जब लोग विद्यत महकमे में शिकायत करते हैं और वहां से जवाब मिलता है कि फॉल्ट है…टीम भेजी है।
विद्युत महकमे के अधिकारियों का कहना है कि भीषण गर्मी के कारण ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ गया है। ओवरलोङ्क्षडग के चलते कई जगहों पर फ्यूज उड़ जाते हैं तो कहीं लाइन में फॉल्ट आ जाता है। घरों में एसी, कूलर और मोटरों का उपयोग बढ़ा है। इससे लोड क्षमता से अधिक हो रहा है और बार-बार ट्रिङ्क्षपग हो रही है। सवाल यह है कि गर्मियों से पहले ट्रांसफार्मर की टेङ्क्षस्टग और वायङ्क्षरग की जांच क्यों नहीं होती?
अमित मालवीय, एक्सईएन डिवी. आई, बूंदी सर्किल