Obesity treatment : मोटापे का बाजार: तेजी से बढ़ता निवेश
मोटापे (Obesity) की बढ़ती दरों ने वैश्विक स्तर पर इस समस्या के समाधान में भारी निवेश को प्रोत्साहित किया है। ग्लोबलडाटा की रिपोर्ट बताती है कि मोटापा रोकने वाली दवाओं का उद्योग आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ेगा। कंपनियां ऐसी दवाओं पर काम कर रही हैं, जो इंजेक्शन के बजाय खाने के रूप में ली जा सकें और मरीजों पर दवा लेने का बोझ कम करें।Obesity treatment : एमजेन और मेटसेरा का प्रयास
एमजेन और मेटसेरा, दो प्रमुख दवा निर्माता, मोटापे की नई दवाओं पर काम कर रही हैं। यह भी पढ़ें : Brain Eating Amoeba : दुनिया का सबसे घातक संक्रमण , क्या भारत हो सकता है अगला शिकार? अभी जानें बचाव के तरीकेएमजेन की मैरीटाइड
यह दवा महीने में एक बार ली जाती है और 52 हफ्तों में औसतन 17 प्रतिशत वजन कम करने में सफल रही। यह दवा उन रोगियों के लिए प्रभावी साबित हुई है, जो पारंपरिक दवाओं से संतुष्ट नहीं थे।मेटसेरा की मेट-097आई
शुरुआत में यह दवा हफ्ते में एक बार ली जाती थी। लेकिन इसकी लंबी असरदार अवधि ने इसे महीने में एक बार लेने के विकल्प के रूप में पेश किया है। 12 हफ्तों के परीक्षण में यह औसतन 11.3% वजन घटाने में सफल रहीनई दवाओं की सफलता का मापदंड
फार्मा विश्लेषक कोस्टान्ज़ा अल्सियाटी के अनुसार, इन नई दवाओं की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे हफ्ते में एक बार ली जाने वाली मौजूदा दवाओं के समान प्रभावी हैं या नहीं।भविष्य की संभावनाएं और बाजार का विकास
ग्लोबलडाटा का अनुमान है कि GLP-1R एगोनिस्ट दवाओं की बिक्री 2033 तक सात प्रमुख बाजारों (अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, यूके और जापान) में 125.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इसमें से 90 प्रतिशत हिस्सेदारी मोटापे की दवाओं की होगी।मोटापे के इलाज में नई उम्मीदें
मोटापे (Obesity) की दवाओं का विकास चिकित्सा जगत में एक नई दिशा दे रहा है। जहां साप्ताहिक इंजेक्शन से राहत मिली थी, वहीं मासिक दवाएं इस इलाज को और सुविधाजनक बना सकती हैं। इससे न केवल मरीजों की परेशानी कम होगी, बल्कि लंबे समय में बेहतर परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।