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Covid से भी बड़ी ‘आतंकी’ साजिश रचने वाला था चीन? भूखों मरने की आ जाती नौबत- जानें क्या है एग्रो टेरेरिज्म

एक्सपर्ट ने कहा कि चीनी वैज्ञानिकों को ग्वांतानामो भेज देना चाहिए। यह जेल 9/11 हमले के बाद दुर्व्यवहार और यातनाओं के लिए कुख्यात रही है।

भारतJun 08, 2025 / 08:46 pm

Ashish Deep

Trump and China

अमेरिकी एक्सपर्ट ने ट्रंप को चीन से अलग होने की सलाह दी है। ANI

अमेरिका में बीते दिनों एक चीनी वैज्ञानिक के पास से पकड़ी गई खतरनाक फफूंदी Fusarium Graminearum को लेकर एक एक्सपर्ट ने कहा है कि अगर यह अनाज की फसलों में फैल जाती तो Covid से भी बड़ी त्रास्दी बन जाती। उन्होंने चीन के एग्रो टेरेरिज्म खतरे के प्रति अमेरिका को आगाह किया है। उनके मुताबिक यह इतनी बड़ी आतंकवादी साजिश है जो अमेरिका की अनाज की फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर सकती थी। चीनी वैज्ञानिक इस फफूंदी को स्मगल कर अमेरिका लाया था।

चीनी रिसर्चर फफूंदी लेकर अमेरिका आया

FBI की शिकायत के मुताबिक चीनी रिर्सचर 34 साल का जुनयांग ल्यू फफूंदी को अमेरिका लेकर आया था। वह अमेरिका की मिशिगन लैब से जुड़ा हुआ है। वह अपनी गर्लफ्रेंड 33 साल की युनजिंग जियान के पास जाने वाला था कि उसे खतरनाक फफूंदी के साथ दबोच लिया गया। पुलिस ने ल्यू को पकड़ लिया है पर उसकी गर्लफ्रेंड फरार है। ‘China Is Going To War’ के लेखक गॉर्डन जी चांग का सुझाव है कि अगर इस घटना के बाद भी अमेरिका ने चीन से ताल्लुकात नहीं तोड़े तो इसका परिणाम बहुत भयंकर होगा।

चीन के साथ संबंध तोड़े अमेरिका

उन्होंने कहा कि ऐसी त्रास्दी को रोकने का एकमात्र तरीका है कि चीन से किसी तरह का संबंध न रखा जाए। लोगों को लगता है कि यह अतिवादी कदम होगा लेकिन इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। हमें इसका खामियाजा भुगतना होगा। उनके अनुसार चीनी वैज्ञानिकों को ग्वांतानामो भेज देना चाहिए। यह जेल 9/11 हमले के बाद दुर्व्यवहार और यातनाओं के लिए कुख्यात रही है। चीन का ऐसा करना अमेरिका के खिलाफ लड़ाई छेड़ने जैसा है। इस फफूंदी को चीनी लैब में तैयार करने का आरोप है।

क्या है एग्रो टेरेरिज्म

एग्रो टेरेरिज्म का मतलब है किसी देश की अनाज की फसलों को तबाह करने के लिए जैविक एजेंटों का इस्तेमाल करना। इससे पौधों में कीड़े लग जाते हैं और वो सड़ने लगते हैं। इस तरह के आतंकवाद में आर्थिक तबाही, खाद्य असुरक्षा और समूचे देश में आतंक पैदा करने के उद्देश्य से फसलों को टार्गेट किया जाता है। इसे कम खर्च में आसानी से फैलाया जा सकता है और किसने किया उसका पता लगा पाना भी मुश्किल होता है।

खेती-बाड़ी क्यों टार्गेट

जानकारों की मानें तो कोई भी देश अपने सैन्य साजो सामान, आयुध और सैन्य ठिकानों की तो कड़ी सुरक्षा कर सकता है लेकिन खेतों की निगरानी मुश्किल है। क्योंकि इसका फैलाव बहुत बड़े क्षेत्रफल में होता है। अगर किसी फसल पर जैविक हमला होता है तो उसकी खबर हफ्तों तक नहीं लगती। एग्रो टेरेरिज्म उन देशों का शक्तिशाली हथियार है, जो किसी प्रतिद्वंद्वी को अस्थिर करना चाहते हैं।

क्या है Fusarium Graminearum

यह एक खतरनाक फफूंदी है। इसके फैलने से फसलों को एक बीमारी लग जाती है, जो गेहूं, मक्का, चावल जैसे अनाज की फसलों को तबाह कर देती है। यह फफूंद पैदावार को नष्ट करने के साथ ही वोमिटॉक्सिन नाम का जहर भी पैदा करती है, जिससे उस अनाज का इस्तेमाल असुरक्षित हो जाता है। अमेरिका के एग्री डिपार्टमेंट की मानें तो केवल उनके यहां इस बीमारी के कारण हर साल 1 अरब डॉलर से ज्यादा की फसल बर्बाद हो जाती है। वोमिटॉक्सिन के कारण लोगों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार हो सकता है।

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