पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ARY न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस स्टेशन पर ड्यूटी पर रहे अधिकारी ने विस्फोट की आवाज तो सुनी थी लेकिन उन्होंने उसे टायर फटने की आवाज समझकर नजरअंदाज किया। लेकिन जब उन्हें पता चला कि ये हमला पुलिस स्टेशन परिसर में हुआ था। विस्फोट के बाद पुलिस ने परिसर की दीवार के पास धातु के कुछ टुकड़ों को इकट्ठा किया है और जांच के लिए भेज दिया है। मीडिया रिपोर्ट ने बताया कि पुलिस इस धमाके की आतंकी हमले के नजरिए से भी जांच कर रही है क्योंकि ऐसे ही आतंकी हमले हाल ही में पुलिस स्टेशन पर हो चुके हैं, जिसमें एक पुलिस अधिकारी की मौत हो चुकी है।
पुलिस और पुलिस स्टेशन पर आतंकियों के हमले
1- 5 दिसंबर 2024 को ये हमला खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू में अहमदजई सब-डिवीजन वजीर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र हुआ था। यहां आतंकियों ने भीषण गोलीबारी कर दी थी, जिसमें हेड कांस्टेबल वजीर जादा की मौत हो गई थी। 2- इससे पहले खैबर पख्तूनख्वा के करक इलाके में अज्ञात हमलावरों के हमले में एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई थी और एक पोलियो कार्यकर्ता घायल हो गया था। पुलिसकर्मी करक के बांदा दाऊद शाह इलाके में पोलियो विरोधी अभियान चला रही एक टीम की सुरक्षा कर रहे थे।
खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी बच्चों के हाथों करवा रहे ब्लास्ट
आतंकियों ने बच्चों को भी ढाल बनाना शुरू कर दिया है। बच्चो के हाथों वे बम धमाके करवा रहे हैं। 30 नवंबर, 2024 को खैबर पख्तूनख्वा के लोअर कुर्रम तहसील में एक जिंदा मोर्टार शेल के फटने से कम से कम 3 बच्चों की मौत हो गई थी। जबकि 5 लोग घायल हो गए थे, पुलिस ने कहा कि 11 साल से कम उम्र के सभी बच्चे खेल रहे थे तभी उन्होंने एक पहाड़ पर जिंदा मोर्टार शेल देखा। बच्चों ने शेल पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जो फट गया, जिससे उनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई।