बीमारियां रोकने के उद्देश्य से एक क्रांतिकारी पहल
डॉ. प्रणव शर्मा ने बताया कि यह केंद्र लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने, दीर्घायु का लक्ष्य प्राप्त करने और बीमारियों को रोकने के उद्देश्य से एक क्रांतिकारी पहल साबित होगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए डॉ. शर्मा ने राजस्थान सरकार से सहयोग करने की अपील की है।
टी-एजिंग और लॉन्गिविटी सेंटर का उद्देश्य: दीर्घायु और स्वास्थ्य में सुधार
उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली, जिसमें तनाव, अस्वास्थ्यकर आहार और कम शारीरिक गतिविधि शामिल है, लोगों की जैविक उम्र (Physiological Age) को उनकी वास्तविक उम्र से अधिक बढ़ा रही है। उनके अनुसार, सही आहार, व्यायाम और नींद की आदतों के कारण लोगों की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है और उनकी जीवन प्रत्याशा को 100 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। वे कहते हैं,“हमारा उद्देश्य है कि लोग बीमार न पड़ें, बल्कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीएं। यह केंद्र लोगों को बीमारियों से बचाने और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी करने के लिए समर्पित होगा।” एंटी-एजिंग और लॉन्गिविटी सेंटर की प्रमुख विशेषताएं
डॉ. शर्मा ने बताया, यह केंद्र आधुनिक चिकित्सा, जीनोमिक्स (Genomics), और व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल पर आधारित होगा। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस तरह हैं:
- व्यक्तिगत डीएनए और जेनेटिक विश्लेषण
• प्रत्येक व्यक्ति के डीएनए, हार्मोन स्तर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का विश्लेषण किया जाएगा।
• इस आधार पर एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य योजना तैयार की जाएगी, जो उनकी विशेष जरूरतों को पूरा करेगी। - स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक आहार पर जोर
• केंद्र 3 बार पके हुए भोजन की परंपरा को चुनौती देगा और लोगों को एक समय का संतुलित, प्राकृतिक आहार अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
• आहार में फाइबर, प्रोटीन और आवश्यक विटामिन की अधिकता होगी। - फिटनेस लैब्स और शारीरिक स्वास्थ्य का आकलन
• फिटनेस लैब्स में VO2 मैक्स, कार्डियोपल्मोनरी एक्सरसाइज टॉलरेंस, और ब्लड शुगर मॉनिटरिंग जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
• यह सुनिश्चित किया जाएगा कि व्यक्ति की शारीरिक गतिविधियां उनकी क्षमता और जरूरतों के अनुसार हों। - नींद और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान
• यह सेंटर नींद की गुणवत्ता को सुधारने और तनाव को कम करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाएगा।
• नींद के महत्व को समझाने और इसे बेहतर बनाने के लिए विशिष्ट वैज्ञानिक उपायों का उपयोग किया जाएगा। - पुरानी बीमारियों का समाधान
• यह केंद्र डायबिटीज, हाइपरटेंशन, और स्लीप एपनिया जैसी पुरानी बीमारियां रोकने और नियंत्रित करने के लिए व्यक्तिगत उपचार योजनाएं तैयार करेगा।
• इसमें विशेष रूप से प्राकृतिक उपचार और जीवनशैली में बदलाव शामिल होंगे।
आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित वैज्ञानिक शोध और प्रमाण
डॉ. शर्मा का यह प्रयास आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित है। उनकी ओर से उपयोग की जाने वाली तकनीकों को कई शोधों का समर्थन प्राप्त है:
- हार्वर्ड मेडिकल स्कूल का अध्ययन
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक शोध में पाया गया है कि कैलोरी प्रतिबंध और इंटरमिटेंट फास्टिंग उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमा कर सकते हैं। इस अध्ययन ने साबित किया है कि सही आहार और नियमित व्यायाम जैविक उम्र को 10-15 वर्षों तक कम कर सकते हैं।
- द लैंसेट (The Lancet) का अध्ययन
The Lancet में प्रकाशित एक शोध ने यह बताया गया हैै कि डीएनए आधारित स्वास्थ्य देखभाल और माइक्रोन्यूट्रिएंट पूरकता से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को 40% तक धीमा किया जा सकता है।
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग का डेटा
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के शोध में बताया गया है कि शारीरिक गतिविधि, नींद और पोषण जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने और स्वास्थ्य में सुधार करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
राजस्थान सरकार से सहयोग की अपील
डॉ. शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस परियोजना को सफल बनाने के लिए राजस्थान सरकार से सहयोग मांगा है। उनका मानना है कि सरकार के समर्थन से यह केंद्र देश में जयपुर को स्वास्थ्य सुधार और दीर्घायु के क्षेत्र में एक नई पहचान दिला सकता है। हमारा उद्देश्य न केवल बीमारियों को रोकना है, बल्कि एक ऐसा समाज बनाना है, जहां लोग स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीएं। राजस्थान सरकार के सहयोग से हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उनके अनुसार समाज पर संभावित प्रभाव
- बीमारियों में कमी
यह केंद्र डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोग जैसी बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- स्वस्थ जीवनशैली का प्रसार
केंद्र लोगों को सक्रिय और तनावमुक्त जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
यह केंद्र आधुनिक तकनीकों और चिकित्सा सेवाओं को जनता तक पहुंचाएगा।
- सामुदायिक कार्यक्रम और जागरूकता
लोगों को स्वास्थ्य और दीर्घायु के महत्व को समझाने के लिए कार्यशालाएं और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पूरे भारत के लिए एक मिसाल बनेगा यह सेंटर
डॉ. शर्मा ने बताया कि जयपुर में प्रस्तावित यह एंटी-एजिंग और लॉन्गिविटी सेंटर न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत के लिए एक मिसाल बनेगा। यदि राज्य सरकार इस परियोजना को समर्थन देती है, तो यह देश में स्वास्थ्य और दीर्घायु के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है। उनका कहना है, “मेरा सपना है कि हर व्यक्ति बीमारियों से मुक्त होकर 100 साल तक जी सके। यह केंद्र केवल एक चिकित्सा सुविधा नहीं होगा, बल्कि यह स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए एक आंदोलन होगा।