अमेरिका में बसना चाहते हैं…ट्रंप ला रहे ‘गोल्ड कार्ड’ ऑफर! सिर्फ कार्ड खरीदो और सिटिज़नशिप पाओ, जानें योग्यता
Gold Card for US Citizenship: ट्रंप की ये योजना पुराने EB-5 वीज़ा कार्यक्रम को खत्म कर नया स्वरूप देने की है। इस कार्यक्रम का टारगेट अमेरिका में अमीर विदेशियों से अमेरिका मे नौकरी का सृजन कराना है।
US Gold Card Offer: डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही आव्रजन पर जो कैंची चलाई है उससे पूरी दुनिया में तहलका मचा हुआ है। आलम ये हो गया है कि अब भारत समेत दूसरे देशों के लोग अमेरिका में जाने से पहले 100 बार सोच रहे हैं। लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में विदेशियों (Immigration in US) के हमेशा के लिए बसने का एक ऑफर पेश किया है। ये ऑफर है गोल्ड कार्ड का। इस कार्ड को खरीदने के बाद आपको अमेरिकी नागरिकता (US Citizenship) दे दी जाएगी। इसके बाद आप बेरोक-टोक अमेरिका में हमेशा के लिए रह सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) बीते मंगलवार को (स्थानीय समय) मीडिया से कहा कि वे ‘EB-5’ अप्रवासी निवेशक वीज़ा के नए कार्यक्रम को लाने के बारे में सोच रहे हैं। ये लोगों को अमेरिका में हमेशा के लिए रहने को परमिशन देगा। इसे फिलहाल गोल्ड कार्ड कहा जा रहा है, अभी इसका कोई आधिकारिक नाम नहीं रखा गया है।
किन लोगों के लिए ये US Gold Card
डोनाल्ड ट्रंप ने ये गोल्ड कार्ड किसे देंगे इसके लिए वे एक तय मानक स्थापित कर रहे हैं। ये कार्ड सिर्फ उन्हें ही मिलेगा जो बहुत अमीर बिजनेसमैन या इंवेस्टर्स हैं और जो अमेरिका में बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा कर सकते हैं।
दो सप्ताह में सामने आ जाएगी पूरी योजना
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे ये गोल्ड कार्ड बेचने जा रहे (Donald Trump Gold Card Program) जिससे अमीर लोग अमेरिका में आएंगे। उन्हें इस कार्ड के जरिए विशेषाधिकार भी दिए जाएंगे। पूरी तैयारी होने के बाद अगले 2 सप्ताह में इस योजना की पूरी जानकारी दे दी जाएगी। इस कार्ड की कीमत 50 लाख डॉलर यानी लगभग 44 करोड़ रुपए (43,58,89500 रुपए) है। अमेरिका में रहने के लिए इस कार्ड को खरीदना होगा।
बकवास था पुराना EB-5 प्रोग्राम?
बता दें कि विदेशी अमीर निवेशकों के लिए बने इस EB-5 प्रोग्राम को 1990 में अमेरिकी कांग्रेस ने बनाया था। इसका टारगेट, विदेशी निवेशकों से अमेरिका में नौकरियां पैदा कराना और इंवेस्टमेंट के जरिए अमेरिका की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना है।
लेकिन अब इस प्रोग्राम पर अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि पुराना EB-5 कार्यक्रम पूरी तरह बकवास, दिखावटी और धोखाधड़ी वाला था। ये सिर्फ और सिर्फ कम कीमत पर ग्रीन कार्ड देने का एक तरीका था। इसलिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस तरह के हास्यास्पद EB-5 कार्यक्रम को वो खत्म करने जा रहे हैं और इसे गोल्ड कार्ड से बदलने जा रहे हैं।
कितने भारतीय अमेरिका में रहने का सपना देखते हैं?
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों का देश से बाहर बसने के लिए सबसे पहला विदेशी नाम अमेरिका होता है। दुनिया भर में सबसे ज़्यादा भारतीय अमेरिका में रहते हैं। आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में काम करने के लिए जाने वालों की संख्या सन् 2021 में 1,32,675 थी। इन्हें विदेश जाने के लिए इमिग्रेशन क्लीयरेंस दी गई थी।
साल 2023 में ये संख्या बढ़कर 3,98,317 हो गई थी। वहीं 2024 में अमेरिका की तरफ से भारतीय कामगारों के लिए 10 लाख वीज़ा जारी किए गए थे। इसमें सबसे ज्यादा संख्या H1-B वीज़ा वालों की थी।