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Water Crisis: पानी की लड़ाई सिर्फ भारत-पाकिस्तान के बीच ही नहीं, दुनिया के इन मुल्कों में भी संघर्ष जारी

World Water Crisis: पानी को लेकर भारत का सिर्फ पाकिस्तान के साथ ही नहीं बल्कि दूसरे पड़ोसी मुल्कों के साथ भी विवाद चल रहा है। दुनिया में और कहां-कहां पानी को लेकर विवाद की स्थिति है, इस रिपोर्ट में हम यह भी आपको बताएंगे।

भारतJul 11, 2025 / 04:45 pm

स्वतंत्र मिश्र

World Water War

पाकिस्तान में रावी काफी हदतक सूख चुकी है। (Photo: IANS)

Water Crisis in Pakistan: इसी साल के अप्रैल महीने में कुछ पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम हमला कर 26 नागरिकों को मार दिया। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) चलाया और पाकिस्तानी सीमा के अंदर घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत सरकार ने यह फैसला किया कि भारत से बहकर पाकिस्तान जाने वाली नदियों का जल रोक दिया जाए। पीएम मोदी (PM Narendra Modi) , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान को हम एक बूंद पानी नहीं देंगे। भारत ने 21 जून 2025 को सिंधु जल संधि (IWT) से बाहर निकलने की घोषणा कर दी। पानी को लेकर दुनियाभर के कई पड़ोसी देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है।

सिंधु जल संधि 26 करोड़ से ज्यादा लोगों की जीवनरेखा

IWT Lifeline for 26 crore People of Pakistan and India: भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि छह दशक से भी ज्यादा समय पहले हुई थी। इस संधि के तहत सिंधु बेसिन की छह नदियों के जल विभाजन को नियंत्रित की जा रही थी। यह संधि 27 करोड़ से ज़्यादा लोगों के लिए जीवन रेखा है और इनमें से ज्यादातर आबादी पाकिस्तान में रहती है। पाकिस्तान के ज्यादातर इलाके भौ​गोलिक रूप से नीचे की ओर है और यही वजह है कि पाकिस्तान को पानी के लिए भारत का मोहताज बना रहना पड़ेगा। क्या इस बात को महान कथाकार सआदत हसन मंटो ने 1951 में ही भांप लिया था? उनकी एक कहानी यजीद में भारत द्वारा नदियों के पानी बंद करने की योजना बनाने की बात का जिक्र हुआ है। इस बात के जवाब में इस कहानी का एक पात्र कहता है, नदी को कौन बंद कर सकता है? पात्र अचरज से भरकर कहता है, यह नदी है, नाला नहीं। मंटो की बात आज सच हो गई।

पाकिस्तान के पास चार हफ्तों तक जल भंडारण की क्षमता

Pakistan Capacity of water storage for four weeks only: एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की जल भंडारण क्षमता सीमित है। देश में तीन प्रमुख बहुउद्देशीय जलाशय हैं – मंगला, तरबेला और चश्मा। इसके साथ ही 19 बैराज और 12 अंतर-नदी संपर्क नहरें भी हैं। कुल मिलाकर इनसे पाकिस्तान लगभग 15 मिलियन एकड़-फीट (MAF) पानी का भंडारण कर सकते हैं और यह लगभग चार हफ़्तों के लिए पर्याप्त है। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, किसी भी देश को अपने जल के उपयोग के लिहाज से कम से कम 120 दिनों के भंडारण करने की क्षमता होनी चाहिए। पानी की कमी से अन्न संकट पैदा होगा। लाखों लोग भुखमरी और बेरोजगारी की चपेट में आ जाएंगे।

क्या भारत सचमुच पाकिस्तान का पानी रोक सकता है?

भारत अपने मौजूदा बुनियादी ढांचे के मद्देनज़र पाकिस्तान की ओर बहने वाली नदियों के प्रवाह को पूरी तरह से नहीं रोक सकता लेकिन अगर उन नदियों के बहाव को थोड़ा सा भी इधर या उधर करेगा तब पाकिस्तान को इसका खामियाजा बड़े पैमाने पर भुगतना पड़ सकता है। इस कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्तान सिंधु नदी पर दो बड़े बांधों मोहमंद और डायमर का निर्माण कर रहा है। इन दोनों का निर्माण कार्य क्रमशः 2028 और 2029 में पूरा होने की उम्मीद है।

किन-किन देशों के बीच पानी को लेकर है भारी विवाद

Struggle for water between these countries of World: बांग्लादेश, भारत और नेपाल के बीच गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना नदी प्रणाली पर जल-बंटवारे को लेकर विवाद है। पिछले 50 वर्षों टिगरिस और यूफ्रेट्स नदियों पर बांधों के निर्माण के कारण तुर्की, सीरिया और इराक के बीच जल बंटवारे को लेकर गहरा विवाद रहा है। वहीं पिछले कुछ समय से मिस्र और सूडान के बीच जल संघर्ष चल रहा है। इसकी वजह यह है कि ऊपरी तटवर्ती राज्य इथियोपिया नील नदी पर बांध का निर्माण कर रहा है और जिसके चलते दोनों निचले तटवर्ती देशों के बीच असुरक्षा की स्थिति पैदा हो रही है।

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