Viral Video: UK में शिफ्ट भारतीय फैमिली का देसी ठाठ, जानें कितने रुपए खर्च कर पंजाब से बुलेट और फर्नीचर मंगवाया
Indian Family Ships Bullet Motorcycle to UK: एक भारतीय परिवार ने पंजाब से यूके तक अपनी रॉयल एनफील्ड बुलेट और घरेलू फर्नीचर भेजने के लिए ₹4.5 लाख खर्च किए।
भारतीय परिवार ने यूके में शिफ्ट होने पर पंजाब से बुलेट और फर्नीचर यूके मंगवाया। फोटो: Instagram handle @ub1ub2
Indian Family Ships Bullet Motorcycle to UK: ब्रिटेन के वॉल्वरहैम्प्टन में बसे एक भारतीय परिवार ने अपने नए घर को भी भारत (Desi move abroad)जैसा महसूस कराने के लिए पंजाब से रॉयल एनफील्ड बुलेट और पूरा फर्नीचर (Indian family UK Royal Enfield) कंटेनर में यूके मंगवा लिया। इस पूरे शिफ्टिंग पर करीब 4.5 लाख रुपये का खर्च आया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पंजाब नंबर प्लेट वाली ब्लैक रॉयल एनफील्ड बुलेट (Bullet motorcycle shipped to UK) को कंटेनर से बाहर निकालते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो पहले TikTok यूज़र ‘राजगुरु3610’ ने शेयर किया था और फिर Instagram पेज @ub1ub2 ने इसे शेयर किया। वीडियो में एक सिक्ख व्यक्ति बुलेट पर बैठे हुए नजर आते हैं और बैकग्राउंड में सोफा सेट, डाइनिंग टेबल, विंग चेयर, बेड जैसे फर्नीचर भी देखे जा सकते हैं।
राजगुरु ने बताया कि परिवार ने यूके में नया फर्नीचर लेने की बजाय भारत से ही सामान भेजना बेहतर समझा। उन्होंने लिखा, “भारतीय फर्नीचर की क्वालिटी बेहतर है, इसलिए हमने करतारपुर (पंजाब) से मंगवाया।” साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परिवार अब स्थायी रूप से इंग्लैंड में बस गया है।
खर्च, समय और सुरक्षा- सब पर दी जानकारी
राजगुरु ने बताया कि शिपिंग में 40 दिन लगे और सामान सुरक्षित रूप से यूके पहुंच गया। उन्होंने कमेंट सेक्शन में लिखा, “बुलेट और सभी फर्नीचर भेजने में 4,000 पाउंड लगे। सब कुछ सुरक्षित रहा।”
‘बॉस मूव’ या ‘तीसरी दुनिया का सोच’?
जहां कुछ यूज़र्स ने इस कदम को “बॉस जैसा स्टाइल” कहा, वहीं कुछ ने इसे “थर्ड वर्ल्ड मेंटलिटी” करार दिया। एक ओर नॉस्टैल्जिया और देसी लगाव की तारीफ हुई, तो दूसरी ओर कुछ ने कहा कि “विदेश जाकर भी देसी जिद क्यों?”
यह बिल्कुल बॉस जैसा व्यवहार है
इसका एक वीडियो भी शेयर किया गया है। वीडियो को इंस्टाग्राम हैंडल @ub1ub2 ने फिर से शेयर किया है। कैप्शन में लिखा है, “यह बिल्कुल बॉस जैसा व्यवहार है, भाई ने अपने घर को अपने घर पर ला दिया।”
भारतीय यूज़र्स का दो भागों में बंटा रिएक्शन
कुछ लोगों ने इसे “सांस्कृतिक गर्व” और “जड़ों से जुड़े रहने की मिसाल” बताया, वहीं कुछ ने कटाक्ष किया कि “4.5 लाख में यूके में ब्रांड न्यू बाइक और IKEA का पूरा सेट आ जाता!”
पश्चिमी दर्शकों का नजरिया
कुछ विदेशी कमेंट्स में इसे “Third World Obsession” बताया गया – यानी विकासशील देशों के लोगों की भावनात्मक चीज़ों से अति-लगाव, जिसे वे तर्क से ऊपर रखते हैं।
इन्फ्लुएन्सर रिएक्शन भी खास
कई पंजाबी और NRI इन्फ्लुएन्सर्स ने इसे “Real Desi Swag” बताया, और कहा, “UK में इंडिया की खुशबू लाना कोई छोटी बात नहीं।”
फॉलोअप: क्या यह ट्रेंड बन सकता है ?
NRI कम्युनिटी में यह ट्रेंड पकड़ सकता है, खासकर उन लोगों के बीच जो भारतीय हैंडक्राफ्टेड फर्नीचर या बाइक्स से गहरा लगाव रखते हैं।
लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए खास अवसर
इस तरह की मांग के मददेनजर अंतरराष्ट्रीय शिपिंग कंपनियां अब NRI के लिए “इमोशनल पैकेजिंग” जैसी सेवाएं पेश कर सकती हैं – जहां सिर्फ सामान नहीं, भावनाएं भी ट्रांसपोर्ट की जाएंगी।
ब्रिटिश अथॉरिटीज़ की जांच ?
भविष्य में इस तरह की बाइक्स की री-रजिस्ट्रेशन और रोड सेफ्टी मानकों को लेकर स्थानीय कानून सख्त हो सकते हैं।
अपनी धरती से प्यार: भावनाओं की कीमत
यह कहानी उस सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाती है जो विदेश में बसने के बाद भी मिटता नहीं। बुलेट सिर्फ एक बाइक नहीं, परिवार की यादों और पहचान का प्रतीक भी है।
देसी बनाम विदेशी तुलना
कुछ ने इस घटना को भारत के उत्पादों की गुणवत्ता और इमोशनल वैल्यू के रूप में देखा, जो IKEA या अमेज़न फर्नीचर से बेहतर मानी जाती है।
प्रेस्टीज सिंड्रोम” या पहचान की तलाश ?
क्या यह सिर्फ शो-ऑफ है या प्रवासी भारतीयों की पहचान बनाए रखने की ज़रूरत? विदेश में “मैं कौन हूँ?” का जवाब शायद अपने घर का सोफा या बुलेट बन जाता है।
बुलेट की यूके में रोड परमिट प्रक्रिया शुरू
परिवार ने बुलेट को यूके के DVLA (Driver and Vehicle Licensing Agency) में रजिस्टर कराने के लिए स्पेशल वेरिफिकेशन स्लॉट बुक कराया है। पंजाब की बाइक को ब्रिटिश सड़क पर चलाने के लिए इंस्पेक्शन टेस्ट और एक्साइज ड्यूटी की प्रक्रिया भी चल रही है।
इंस्टाग्राम रील के पीछे की कहानी
वीडियो अपलोड करने वाले यूज़र ‘राजगुरु3610’ दरअसल पेशे से एक फ्रीलांस लॉजिस्टिक्स कोऑर्डिनेटर हैं, जो भारत से यूके तक प्राइवेट शिपमेंट ऑर्गनाइज़ करते हैं। उन्होंने जानबूझकर वीडियो को भावनात्मक टोन दिया ताकि ये वायरल हो।
NRI कम्युनिटी में बना चर्चा का विषय
वेस्ट मिडलैंड्स की NRI यूनियन में इस शिपमेंट को लेकर कई लोगों ने चर्चा की है कि क्या यह व्यवहारिक है या सिर्फ भावनात्मक प्रदर्शन। कुछ ने इसे “सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव”, तो कुछ ने इसे “ग्लोरीफाइड ओवरस्पेंडिंग” कहा।