ईरान का पलटवार: सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, इज़राइल में हड़कंप
दूसरी तरफ, ईरान ने भी एक नई सैन्य रणनीति अपनाते हुए सीरिया और इराक़ में मौजूद इज़राइली ठिकानों को टारगेट किया है। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरानी ड्रोन और मिसाइलों ने गुप्त सैन्य अड्डों को निशाना बनाया, जिनमें से कुछ पर भारी क्षति की पुष्टि हुई है।
ईरान ने भी आक्रामक रुख अपनाया
इज़राइली हमलों के जवाब में ईरान ने भी आक्रामक रुख अपनाया और दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरान ने यह हमला अपने परमाणु ठिकानों पर हुई एयरस्ट्राइक के बदले में किया। इन हमलों में इज़रायली सेना (IDF) के 7 जवान जख्मी हुए हैं।
तीन न्यूक्लियर साइंटिस्टों की मौत से हिला ईरान
इज़रायली हमलों में ईरान के तीन परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई है। ये वैज्ञानिक ईरान के संवेदनशील न्यूक्लियर प्रोग्राम का हिस्सा थे। यह हमला ईरान के वैज्ञानिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा झटका माना जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय अपीलें शुरू, ब्रिटेन ने की शांति की मांग
इस गंभीर स्थिति के बीच, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने ईरानी समकक्ष मोहम्मद जवाद अरागची से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, “रात भर के हमले बहुत चिंताजनक हैं, अब सभी पक्षों को तनाव कम करना चाहिए ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो।”
मध्य पूर्व में हालात बहुत गंभीर होते जा रहे
मध्य पूर्व में हालात बहुत गंभीर होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन, ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। इज़राइल के भीतर भी सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर यह युद्ध जारी रहा तो यह फुल-स्केल रीजनल वॉर में बदल सकता है।
अमेरिका “डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट” की योजना बना सकता है
अब नजर इस बात पर है कि अमेरिका इस स्थिति में किस तरह हस्तक्षेप करता है। व्हाइट हाउस ने इशारा दिया है कि अगर हमला परमाणु सुविधाओं तक सीमित नहीं रहता, तो अमेरिका “डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट” की योजना बना सकता है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) ने नतांज साइट की सुरक्षा रिपोर्ट तलब की है।
सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों और क्षेत्रीय व्यापार पर पड़ा
बहरहाल इस संघर्ष का सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों और क्षेत्रीय व्यापार पर पड़ा है। तेल की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है, जिससे वैश्विक बाजारों में चिंता है। ईरान की राजधानी तेहरान और इज़राइल के तेल अवीव में हजारों लोगों ने युद्धविराम की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किए हैं।