अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, “इज़राइली सैनिकों ने अस्पताल पर हमला कर उसके बड़े हिस्से को आग लगा दी। इस पर अस्पताल के निदेशक को हिरासत में ले लिया गया और सैकड़ों लोगों को पास के इंडोनेशियाई अस्पताल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया।” अरब संसद ने एक बयान में इस घटना को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन बताते हुए इसके जिम्मेदारों को अंतरराष्ट्रीय अदालतों में लाने की मांग की है। बयान में कहा गया, “यह अपराध फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ इज़राइल के कब्जे वाले बलों के लगातार अत्याचारों का हिस्सा है।”
वैश्विक समुदाय की चुप्पी का सीधा परिणाम
अरब संसद ने इज़राइल पर ग़ाज़ा के पहले से ही कमज़ोर स्वास्थ्य ढांचे को योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया और कहा कि वैश्विक समुदाय की चुप्पी ने इन कदमों को सही ठहराया है। ग़ाज़ा पट्टी में स्वास्थ्य प्रणाली के पूरी तरह से नष्ट होने का परिणाम इज़राइल के अपराधों पर वैश्विक समुदाय की चुप्पी का सीधा परिणाम है।
कुछ महत्वपूर्ण विभागों को जला कर नष्ट कर दिया
बयान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और वैश्विक समुदाय से तत्काल युद्ध विराम, कथित युद्ध अपराधों की जवाबदेही और ग़ाज़ा में मानव त्रासदी को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया गया। इससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक्स पर एक बयान में कहा था कि “कमाल अदवान अस्पताल पर हमला उत्तरी ग़ाज़ा में स्वास्थ्य की इस आखिरी बड़ी सुविधा को बंद कर दिया गया है। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि हमले के दौरान कुछ महत्वपूर्ण विभागों को जला कर नष्ट कर दिया गया।”
ग़ाज़ा की स्वास्थ्य प्रणाली पर प्रभाव
ग़ाज़ा की स्वास्थ्य प्रणाली पहले से ही अत्यधिक दबाव में थी, क्योंकि पिछले कई महीनों से क्षेत्र में संघर्ष जारी है। अस्पतालों में आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की कमी थी, दवाओं की उपलब्धता बहुत कम थी और बुनियादी ढांचा पहले ही युद्ध से प्रभावित था। इस हमले ने ग़ाज़ा की स्वास्थ्य सेवा के ढांचे को और भी नष्ट कर दिया है, जिससे यहां के नागरिकों को और अधिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से अपील
अरब संसद ने वैश्विक समुदाय से तुरंत युद्ध विराम करने की मांग की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आग्रह किया कि वह ग़ाज़ा में बढ़ता मानवीय संकट रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। बयान में यह भी कहा गया कि इज़राइल की ओर से किए गए युद्ध अपराधों की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के अपराधों को रोका जा सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट
इससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कमाल अदवान अस्पताल पर हमले की निंदा करते हुए कहा था कि इस हमले ने इस अस्पताल को पूरी तरह से बंद कर दिया है, जो पहले से ही ग़ाज़ा की स्वास्थ्य सेवाओं की अंतिम बड़ी सुविधा थी। WHO ने कहा कि हमले में अस्पताल के कई महत्वपूर्ण विभागों को जला कर नष्ट कर दिया गया, जिससे क्षेत्र के मरीज़ों को गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन अपराधों को गंभीरता से ले
बहरहाल इस हमले ने इस क्षेत्र में एक बार फिर से बढ़ता मानवीय संकट उजागर किया है, जहां नागरिकों को बिना किसी सुरक्षा या सहायता के छोड़ दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह इज़राइल के इन अपराधों को गंभीरता से ले और ग़ाज़ा में होने वाली मानवीय त्रासदी को रोकने के लिए तुरंत प्रभाव से कदम उठाए।