जयशंकर-हान झेंग की मुलाकात
बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात के दौरान जयशंकर ने कहा, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली भारत में भी व्यापक रूप से सराही जा रही है। हमारे संबंधों के निरंतर सामान्यीकरण से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
भारत-चीन विचारों का खुला आदान-प्रदान जरूरी
जयशंकर ने यह भी कहा कि मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय स्थिति बेहद जटिल है और पड़ोसी देशों एवं प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और चीन के बीच विचारों का खुला आदान-प्रदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस दौरान एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए बीजिंग में मौजूद होने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि भारत, एससीओ में चीन की सफल अध्यक्षता का समर्थन करता है।
अक्टूबर में हुई थी पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात
विदेश मंत्री ने याद दिलाया कि पिछले वर्ष अक्टूबर में कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में लगातार सुधार देखने को मिला है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इस यात्रा में मेरी चर्चाएँ इसी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी।
कैलाश मानसरोवर यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?
कैलाश मानसरोवर यात्रा भारतीय श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। चीन में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। कोविड-19 और सीमा तनाव के कारण यात्रा पर रोक लगी हुई थी। अब यात्रा की बहाली से न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा होगी बल्कि भारत-चीन संबंधों में भी विश्वास की नई बुनियाद रखी जा सकेगी।
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर चर्चा
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि चीन के साथ चर्चा के बाद यात्रा की प्रक्रिया, वीजा व्यवस्था और आवागमन सुविधाओं को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर भी चर्चा जारी है।