scriptखामनेई की दो टूक, अमेरिका पटरी से उतरा तो भुगतेगा ! मस्कट में फिर आमने-सामने होंगे दोनों देश | Khamenei's blunt statement- If America goes off track, it will suffer, both countries will come face to face again in Muscovites | Patrika News
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खामनेई की दो टूक, अमेरिका पटरी से उतरा तो भुगतेगा ! मस्कट में फिर आमने-सामने होंगे दोनों देश

Iran Nuclear Talks: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता को अब तक तो सकारात्मक बताया है, लेकिन चेतावनी दी कि यह वार्ता किसी भी समय निरर्थक हो सकती है।

भारतApr 16, 2025 / 01:18 pm

M I Zahir

US Iran Nuclear Talk

US Iran Nuclear Talk

US Iran Tensions: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका के साथ चल रही परमाणु वार्ता (Iran nuclear talks) को लेकर संयमित संतोष तो जताया, लेकिन साथ ही कड़े शब्दों में चेतावनी दी (Khamenei warning) कि यदि अमेरिका रास्ते से भटका, तो ईरान चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा, “पहले चरण में बातचीत ठीक रही है, लेकिन यह कभी भी बिना किसी नतीजे के खत्म हो सकती है। परमाणु हथियार को लेकर अमेरिका की दमनकारी नीति और ईरान की हठ दोनों देशों के बीच तनाव ( US Iran relations) का कारण बनी हुई है।

तेहरान-वाशिंगटन मस्कट (Muscat diplomacy) में फिर से मिलने वाले हैं

डॉन अखबार में प्रकाशित फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते के टूटने के बाद उच्च स्तरीय वार्ता के एक सप्ताह बाद, तेहरान और वाशिंगटन शनिवार को मस्कट में फिर से मिलने वाले हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान इस समझौते से हट गए थे, उन्होंने अब जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से अधिकतम दबाव और प्रतिबंधों का अपना अभियान वापस शुरू कर दिया है। तेहरान और वाशिंगटन एक बार फिर मस्कट (ओमान) में बैठक के लिए सकारात्मक दिख रहे हैं। बातचीत अप्रत्यक्ष रूप से और ओमान की मध्यस्थता में हो रही है। अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ ने कहा कि ईरान को यूरेनियम संवर्धन को 3.67 प्रतिशत के स्तर पर लाना चाहिए, जैसा 2015 में तय हुआ था।

ईरान की दो टूक, अमेरिका पर संदेह बरकरार

खामेनेई ने साफ किया कि ईरान अपनी क्षमताओं को लेकर आश्वस्त है, जबकि उन्हें अमेरिका के इरादों पर शक है। उनका कहना था कि ईरान की ‘रेड लाइन’ बिलकुल साफ हैं—राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा और सैन्य शक्ति पर कोई समझौता नहीं होगा।

ट्रंप की धमकियां और पुराना रुख कायम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में 2015 के परमाणु समझौता खारिज कर दिया था, वे एक बार फिर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने मार्च में खामेनेई को एक पत्र भेज कर चेतावनी दी थी कि अगर ईरान बातचीत से पीछे हटा, तो सैन्य कार्रवाई संभव है।

IAEA की रिपोर्ट: ईरान का यूरेनियम भंडार खतरनाक स्तर पर

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA के मुताबिक, ईरान के पास करीब 274.8 किलोग्राम यूरेनियम है, जो 60% तक संवर्धित है-यह हथियार निर्माण के लिए आवश्यक 90% के काफी करीब है। IAEA प्रमुख राफेल ग्रॉसी इस स्थिति का जायजा लेने ईरान पहुंच रहे हैं।

ईरान की दलील : परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण, लेकिन ताकत से समझौता नहीं

ईरान बार-बार यह दोहरा रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ ऊर्जा उत्पादन जैसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। साथ ही, ईरानी रिवोल्युशनरी गार्ड्स ने स्पष्ट किया कि देश की सैन्य क्षमताओं को किसी भी वार्ता का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता।

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