टिकटॉक स्टार की ‘वायरल’ मुश्किलें
26 वर्षीय मुर्जा कुन्या का कानो जैसे रूढ़िवादी मुस्लिम बहुल शहर में पहले भी कई बार विरोध हो चुका है। उनके कई वीडियो को “अनैतिक और सामाजिक रूप से भड़काऊ” मानते हुए शरिया पुलिस (हिस्बाह) ने उन्हें बार-बार गिरफ्तार किया है।
एक वीडियो में होटल के कमरे में नोटों की बारिश करते दिखे
जनवरी में सामने आए एक वीडियो में वह होटल के कमरे में नाइरा नोटों की बारिश करते दिखे, जिसके बाद ईएफसीसी (आर्थिक और वित्तीय अपराध आयोग) ने उन्हें गिरफ्तार किया। जमानत पर छूटने के बाद वह अदालत में पेश नहीं हुए और महीनों तक फरार रहे। मार्च में फिर से गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश किए गए और अपराध स्वीकार कर लिया।
कई लोगों ने इसे “ओवररीएक्शन” कहा है
मुर्जा कुन्या की सजा पर नाइजीरिया के सोशल मीडिया यूज़र्स में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कई लोगों ने इसे “ओवररीएक्शन” कहा है, जबकि कुछ ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है, यह कहते हुए कि प्रभावशाली लोगों को समाज के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। मीडिया विशेषज्ञों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकारों ने चिंता जताई कि ऐसे मामलों में कानून का दुरुपयोग हो सकता है, खासकर तब जब परंपराएं कानून से टकरा रही हों।
सुलगते सवाल: क्या आगे और गिरफ्तारियां होंगी?
क्या अब हर “स्प्रेइंग” वीडियो पर कानूनी कार्रवाई होगी? क्या नाइजीरिया के अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी इस कानून के दायरे में आएंगे? क्या सरकार या ईएफसीसी इस कानून को स्पष्ट और पारदर्शी बनाएगी?
साइड एंगल: संस्कृति बनाम कानून
नाइजीरिया में “स्प्रेइंग” सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि समाज में खुशहाली और उदारता की पारंपरिक अभिव्यक्ति मानी जाती है,लेकिन डिजिटल युग में ये प्रथा अब सार्वजनिक मंचों पर दिखाई जा रही है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या सांस्कृतिक परंपराएं कानून के दायरे में फिट होती हैं? यह मामला उस सीमारेखा की ओर इशारा करता है जहां सांस्कृतिक परंपरा, डिजिटल पावर और कानूनी बारीकियां एक-दूसरे से टकरा रही हैं।
नाइजीरिया में आम परंपरा,’स्प्रेइंग’ पर कानून क्यों?
नाइजीरिया में शादियों और पार्टियों में पैसे उड़ाना आम परंपरा है, जिसे “Spraying of Naira” कहा जाता है। हालांकि, यह नाइजीरियन मुद्रा अधिनियम 2007 के तहत अवैध है, जो नोटों की सार्वजनिक बेइज्जती या उनके साथ दुर्व्यवहार को दंडनीय अपराध बनाता है।
ये कार्रवाई अक्सर “चुनिंदा” लोगों के खिलाफ होती है
पिछले कुछ समय से ईएफसीसी इस कानून को सख्ती से लागू कर रही है, हालांकि आलोचकों का कहना है कि ये कार्रवाई अक्सर “चुनिंदा” लोगों के खिलाफ होती है।
क्या यह ‘डिजिटल पावर’ की ज़िम्मेदारी की घड़ी है?
कुन्या जैसे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए यह मामला एक कड़ा संदेश है—अगर लाखों लोग आपको फॉलो करते हैं, तो आपकी हर हरकत सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक “नज़ीर” बन सकती है। कोर्ट का आदेश कि वे जागरूकता फैलाएं, यह भी दर्शाता है कि डिजिटल स्पेस में “फेम के साथ फ्रेमवर्क” भी जरूरी है।
कई मशहूर हस्तियों को गिरफ्तार कर अदालत में ले जाया गया
बहरहाल इस कानून के तहत कई मशहूर हस्तियों को गिरफ्तार कर अदालत में ले जाया गया है, जिसमें छह महीने तक की जेल और 50,000 नाइरा जुर्माने का प्रावधान है।