अप्रैल के चौंकाने वाले आंकड़े
मानवाधिकार संगठन ‘पांक’ की नवीनतम रिपोर्ट के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इसके अनुसार अप्रैल में बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने करीब 151 स्थानीय लोगों को किडनैप कर लिया। इतना ही नहीं, 23 बलूचों को बिना किसी गलती के मौत के घाट भी उतार दिया गया।
18 जिलों में लोगों को बनाया निशाना
रिपोर्ट के अनुसार बलूचिस्तान के 18 जिलों में बलूचों को पाकिस्तानी सेना ने निशाना बनाया। पाकिस्तानी सेना की इस करतूत का मानवाधिकारों के कई संगठित और जानबूझकर उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण भी किया गया है और सभी मामलों की पूरी तरह से पुष्टि की गई है।
पाकिस्तानी सेना करती है टॉर्चर
रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके अनुसार पाकिस्तानी सेना जिन बलूचों को किडनैप करती है, उन्हें अलग-अलग तरीके से टॉर्चर भी करती है। इनमें शारीरिक यातनाओं के साथ ही मानसिक यातनाएं भी शामिल हैं। काफी टॉर्चर के बाद जब बंधकों को रिहा किया जाता है, तो न सिर्फ मानसिक रूप से, बल्कि शारीरिक रूप से भी उन्हें कई परेशानियाँ हो जाती हैं।
पाकिस्तानी सेना पर नहीं होती कोई कार्रवाई
रिपोर्ट में बताया गया है कि बलूचों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना की क्रूरता के लिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इन मामलों में संलिप्त पाकिस्तानी सेना की कोई जवाबदेही भी नहीं होती। इस वजह से पीड़ितों और उनके परिवारों को कभी इंसाफ नहीं मिलता।