S-400 के बाद होगी S-500 एयर डिफेंस सिस्टम की एंट्री!
रूस-यूक्रेन युद्ध में S-400 के कमाल के बारे में पूरी दुनिया ने सुना भी और देखा भी। अब पाकिस्तान के भारत पर किए गए हमलों को रोककर S-400 ने एक बार फिर अपना कमाल दिखा दिया है। S-400 के बाद अब S-500 एयर डिफेंस सिस्टम की एंट्री हो सकती है। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि S-500 क्या है? यह एक कमाल का एयर डिफेंस सिस्टम है और S-400 से भी एडवांस है। यह शानदार डिफेंस सिस्टम आने वाले समय में भारत को भी मिल सकता है। ऐसा होने पर पाकिस्तान (Pakistan) कांप उठेगा।रूस ने दिया भारत को साथ प्रोडक्शन करने का प्रस्ताव
रूस ने एक बार फिर भारत से दोस्ती का परिचय दिया है। रूस ने भारत को साथ मिलकर S-500 एयर डिफेंस सिस्टम का प्रोडक्शन करने का प्रस्ताव दिया है। यह डिफेंस सिस्टम भारत की सैन्य शक्ति को और बढ़ा सकता है।भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पड़ोसी देश में दिखा अमेरिकी विमान, घबरा गए पाकिस्तान-अमेरिका
क्या है S-500 एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत?
◙ S-500 एयर डिफेंस सिस्टम हाइपरसोनिक मिसाइलें, कम-कक्षा वाले उपग्रहों और स्टील्थ विमानों जैसे खतरों को काउंटर कर सकता है और इसे इस बात को ध्यान में रखते हुए ही डिज़ाइन किया गया है। S-500 एयर डिफेंस सिस्टम एक्सो-एटमॉस्फियर अवरोधों तक विस्तारित होता है, जिसकी कथित सीमा 600 किलोमीटर और ऊंचाई क्षमता 200 किलोमीटर है।◙ S-500 एयर डिफेंस सिस्टम की सबसे खास विशेषता इसकी एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल (एबीएम) क्षमता है, जो हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहनों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) को बेअसर करने के लिए 77N6-N और 77N6-N1 काइनेटिक इंटरसेप्टर का इस्तेमाल करती है। ये मिसाइलें, जो S-400 के लिए बहुत बड़ी हैं, S-500 को निकट-अंतरिक्ष में वस्तुओं को टारगेट करने में सक्षम बनाती हैं। इस शक्तिशाली सिस्टम का रडार, कथित तौर पर एक एडवांस एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन की गई सरणी (AESA) है, जो 2,000 किलोमीटर पर टारगेट का पता लगा सकता है।
◙ रूसी अधिकारियों का दावा है कि S-500, अमेरिकी टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) जैसे पश्चिमी हथियारों से काफी एडवांस है। यह एयर डिफेंस सिस्टम वायु रक्षा, मिसाइल रक्षा और एंटी-सैटेलाइट फीचर्स को एक साथ लाता है। सैन्य क्षेत्र में S-500 को एक क्रांति बताया जा रहा है।