ट्रंप की सैन्य तैनाती के फैसले के खिलाफ रैलियां
शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, ट्रंप ने लॉस एंजिल्स में सेना तैनात करने का निर्णय लिया था, जिस पर पहले ही व्यापक विरोध हो चुका था। इसके बावजूद, शनिवार को देश भर में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप की आव्रजन नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाई। इस दौरान ट्रंप ने अपने 79वें जन्मदिन पर सैन्य परेड का आयोजन किया, लेकिन इसके बावजूद विरोध जारी रहा।
“नो किंग्स” अभियान और ट्रंप के खिलाफ विरोध
प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने ‘नो किंग्स’ के नारे के साथ विरोध किया, जो उन समूहों का हिस्सा था जिन्होंने अप्रेल में ‘हैंड्स ऑफ’ बैनर के तहत प्रदर्शन किए थे। ये प्रदर्शनकारियों का गठबंधन ‘सत्तावादी अतिक्रमण’ के विरोध में ‘अवज्ञा का दिन’ के रूप में इसे प्रचारित कर रहा था। वाशिंगटन में विरोध न होने के बावजूद, अन्य प्रमुख शहरों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
न्यूयॉर्क और अन्य प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन
न्यूयॉर्क में 50,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप की आव्रजन नीतियों के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने “हमें क्या चाहिए? कोई आईसीई नहीं, हमें कब चाहिए? अभी!” जैसे नारे लगाए। इसी तरह, शिकागो, अटलांटा और कैलिफोर्निया के कई शहरों में भी व्यापक विरोध हुआ। प्रदर्शनकारियों ने ‘कोई निर्वासन नहीं’, ‘ट्रंप को जाना चाहिए’ जैसे बैनर लहराए।
कैलिफोर्निया में 1 लाख से अधिक प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे
उधर कैलिफोर्निया में 200 से अधिक शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए, जहां एक लाख से अधिक लोग ट्रंप की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर थे। लॉस एंजिल्स में लगभग 25,000 लोग जुटे और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। दक्षिणी कैलिफोर्निया के तट से लेकर सांता कैटालिना द्वीप तक विरोध देखा गया।
टेनेसी, टेक्सस और मियामी में भी बड़े विरोध प्रदर्शन
टेनेसी, टेक्सस और मियामी में भी विरोध प्रदर्शन हुए। ह्यूस्टन में 15,000 से अधिक प्रदर्शनकारी थे, जबकि मियामी में ‘नो किंग्स’ के विरोध में लोग सड़कों पर उतरे और अमेरिकी झंडे लहराए। ओहायो, ग्रीनविल में भी छोटे लेकिन प्रेरणादायक विरोध आयोजित किए गए।
ट्रंप की आव्रजन नीतियों के खिलाफ अमेरिका में गहरा विरोध
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीतियों के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े और व्यापक विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। चाहे वह न्यूयॉर्क हो या कैलिफोर्निया, सभी जगह एक ही आवाज़ सुनाई दी: “हमें डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में नहीं रहने देना है!”
ट्रंप के खिलाफ विरोध -प्रदर्शन अब एक सामूहिक अभियान में बदल चुके हैं
बहरहाल डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ विरोध -प्रदर्शन अब एक सामूहिक अभियान में बदल चुके हैं, जो न केवल ट्रंप की नीतियों को बल्कि उनके शासन के तरीके को चुनौती दे रहे हैं।