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Ram Navami Puja: त्रिवेणी संयोग में राम नवमी पूजा आज, शुभ योग में पूजा से मिलेगी सुख शांति, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, हवन विधि और हवन के बाद क्या करें

Ram Navami Puja 2025: चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन रविवार 6 अप्रैल को है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा और भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास से आइये जानते हैं राम नवमी पूजा मुहूर्त, शुभ योग आज के अनुष्ठान, पूजा विधि, हवन विधि और हवन के बाद क्या करें(Triveni Sanyog Today) ..

भारतApr 06, 2025 / 06:24 am

Pravin Pandey

Ram Navami Puja 2025 in Triveni Sanyog Today Muhurat puja vidhi havan vidhi what to do after havan puja ka fal

Ram Navami Puja 2025 in Triveni Sanyog Today Muhurat puja vidhi havan vidhi what to do after havan: राम नवमी आज पूजा विधि हवन विधि पूजा का फल और सारे अनुष्ठान

Triveni Sanyog Today Ram Navami Puja Vidhi: जयपुर के ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन 6 अप्रैल को रामनवमी के दिन ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। यह संयोग इस दिन की शुभता में वृद्धिकारक होगा।

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भगवान श्रीराम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में मध्याह्न 12 बजे हुआ था। इसलिए हर साल तकरीबन इसी समय भगवान की पूजाकर जन्मोत्सव मनाया जाता है। राम जन्म भूमि अयोध्या में इसको लेकर भव्य आयोजन किया जाएगा।

ये शुभ योग बन रहे, जानें इन योग में पूजा का फल (Ram Navami Puja Ka Fal)

इधर, रामनवमी के शुभ अवसर पर सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही रवि पुष्य योग और रवि योग का संयोग है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग, पुष्य योग और रवि योग दिन भर है।
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर शिववास योग भी है। शिववास योग के दौरान देवों के देव महादेव जगत की देवी मां गौरी के साथ कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इन योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार हिंदू कैलेंडर के मुताबिक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि 6 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी।  इस वर्ष रामनवमी पर 6 अप्रैल को मंगलकारी त्रिवेणी संयोग में भगवान राम का जन्म होगा।
इस अवसर पर खरीदी का महामुहूर्त रवि पुष्य, कार्य में सफलता देने वाला सर्वार्थ सिद्धि और सूर्य का अभीष्ट प्राप्त होने से अनिष्ट की आशंका दूर करने वाला रवि योग भी रहेगा। नवमी पूजन के साथ ही चैत्र नवरात्र का समापन होगा। इस दिन स्वामी नारायण और महातारा जयंती भी मनाई जाएगी।
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राम नवमी शुभ मुहूर्त (Ram Navami Puja Date)

भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत शनिवार 05 अप्रैल को शाम 07:26 बजे पर होगी। वहीं, रविवार 06 अप्रैल को शाम 07:22 बजे नवमी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का मान है। इसलिए 06 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। 

राम नवमी पूजा समय (Ram Navami Puja Muhurat)

डॉ. अनीष व्यास के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर पूजा यानी राम नवमी पूजा 06 अप्रैल को सुबह 11:08 बजे से लेकर दोपहर 01:39 मिनट तक शुभ है। वहीं, दोपहर 12:24 बजे मध्याह्न का समय है।
भगवान श्रीराम का अवतरण मध्याह्न समय में हुआ है। 06 अप्रैल को मध्याह्न का समय दोपहर 12:24 मिनट पर है। साधक मध्याह्न समय में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पूजा कर सकते हैं।

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शुभ योग (Shubh Yog Me Puja Ka Fal)

डॉ. अनीष व्यास के अनुसार रामनवमी के शुभ अवसर पर सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग शाम 06:55 बजे तक है। इसके साथ ही रवि पुष्य योग और रवि योग का संयोग है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है।
सर्वार्थ सिद्धि योग, पुष्य योग और रवि योग दिन भर है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर शिववास योग भी है। शिववास योग के दौरान देवों के देव महादेव जगत की देवी मां गौरी के साथ कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इन योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

सर्वार्थसिद्धि योग (Sarvarth Siddhi Yog Me Puja Ka Fal)

सर्वार्थसिद्धि योग को शुभ योग माना जाता है। इस योग को कार्य में सिद्धि देकर सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। इसी तरह रवि योग को सूर्य का अभिष्ट प्राप्त होने के कारण इसे प्रभावशील योग माना गया है। सूर्य की पवित्र सकारात्मक ऊर्जा इसमें होने के कारण इस योग में कार्य में अनिष्ट होने की आशंका समाप्त होती है।
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रवि योग (Ravi Yog Me Ram Navami Puja Ka Fal)

भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि नवरात्र पर्व के दौरान रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग का संबंध मां लक्ष्मी से है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य शुभ परिणाम देते हैं। कार्यों में सफलता भी मिलती है। रवि योग में सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है।

राम नवमी के अनुष्ठान (Ram Navami Ke Anushthan)

भविष्यवक्ता व्यास के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई भी जाप, अनुष्ठान कई गुना अधिक फल प्रदान करता है। विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए यह अहम है। मकान, वाहन, सोने चांदी के जेवरात की खरीदारी, मुंडन, गृहप्रवेश आदि विशेष मांगलिक कार्य किए जाते हैं।
चैत्र नवरात्र में ग्रह नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस नवरात्र रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि पुष्य नक्षत्र शुभ संयोग बन रहे हैं। विधि विधान से माता रानी की पूजा करने से सभी मनोरथ पूरे होंगे।
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राम नवमी पूजा विधि (Ram Navami Puja Vidhi)

1.भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार राम नवमी के दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

2. अपने घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। घर के मंदिर में देवी- देवताओं को स्नान कराने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनाएं। भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी का पत्ता और फूल अर्पित करें। 
3. भगवान को फल भी अर्पित करें और अगर आप व्रत कर सकते हैं, तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान को अपनी इच्छानुसार सात्विक चीजों का भोग लगाएं।

4. राम नवमी पूजा के दौरान भगवान राम की आरती भी अवश्य करें। आप रामचरितमानस, रामायण, श्री राम स्तुति और रामरक्षास्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
5. भगवान के नाम का जप करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप श्री राम जय राम जय जय राम या सिया राम जय राम जय जय राम का जप भी कर सकते हैं। राम नाम के जप में कोई विशेष नियम नहीं होता है, आप कहीं भी कभी भी राम नाम का जप कर सकते हैं।

हवन सामग्री (Havan Samagri)

कुंडली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन हवन के लिए पहले ही आम की लकड़ी, आम के पत्ते, पीपल का तना, छाल, बेल, नीम, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, मुलैठी की जड़, कपूर, तिल, चावल, लौंग, गाय की घी, इलायची, शक्कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, जटाधारी नारियल, गोला और जौ आदि हवन में प्रयोग होने वाली सभी सामग्री जुटा लेनी चाहिए।
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राम नवमी हवन विधि (Ram Navami Havan Vidhi)

1.भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि हवन पर बैठने वाले व्यक्ति को रामनवमी के दिन प्रातः जल्दी उठना चाहिए।

2. शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करने चाहिए। वैदिक शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि यदि हवन पति-पत्नी साथ में करें तो उसका विशेष फल प्राप्त होता है।
3. सबसे पहले किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें।

4. हवन कुंड में आम लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्ज्वलित करें। इसके बाद हवन कुंड में ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः का जाप करते हुए घी से माता के नाम की आहुति दें।
5. इसी के साथ अन्य देवी-देवताओं के नाम की आहुति दें। इसके बाद संपूर्ण हवन सामग्री से 108 बार हवन सामग्री को आहुति दें।

हवन के बाद करें यह कार्य (Havan Ke Bad Kya Karen)

हवन के बाद माता जी की आरती करें। इसके बाद माता को खीर, हलवा, पूड़ी और चने का भोग लगाएं। कन्याओं को भी भोजन कराएं। प्रसाद बांटें। उन्हें दक्षिणा भी दें।

राम नवमी का महत्व (Ram Navami Ka Mahatv)

कुंडली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि राम नवमी का दिन भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह दिन भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार प्रभु श्री राम की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्तों के जीवन से सभी कष्ट कट जाते हैं।
इसके अलावा इस दिन नवरात्रि का समापन भी होता है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन को महानवमी कहते हैं। इस दिन पूजा अर्चना करने से राम जी के साथ आदिशक्ति मां जगदम्बा की कृपा भी प्राप्त होती है।

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