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आगरा

मुझे जीने का कोई अधिकार नहीं, गांव जाने पर सब मजाक उड़ाते हैं…किसान ने की आत्महत्या की कोशिश, देखें वीडियो 

Agra News: आगरा में तहसील दिवस के मौके पर एक किसान ने कलेक्ट्रेट में अफसरों ने सामने खुद पर डीजल डाल आत्महत्या की कोशिस करने लगा। मौके पर मौजूद सिपाहियों ने उसे रोका। आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला ? 

आगराMay 03, 2025 / 09:44 pm

Nishant Kumar

Agra

किसान शिवचरण

Agra Farmer Attempted Suicide: उत्तर प्रदेश के आगरा में तहसील दिवस के मौके पर अधिकारी तहसीलों की समस्या को सुन रहे थे और उनका निपटारा कर रहे थें। इसी बीच एक बुजुर्ग व्यक्ति अपनी कुर्सी से खड़े हुए और अपने ऊपर डीजल डालने लगें। इससे कलेक्ट्रेट में अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही बुजुर्ग ने जेब से माचिस निकालने की कोशिश की मौके पर तैनात सिपाही ने बुजुर्ग व्यक्ति से माचिस छीन लिया और उन्हें बाहर ले गया। 

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क्या है पूरा मामला ? 

आगरा जिले के बिचपुरी तहसील के दहतोरा गांव के रहने वाले शिवचरण का कहना है कि मेरे खेत में जाने के लिए रास्ता नहीं है। चकबंदी से पहले रास्ता था अब नहीं है। गांव के कुछ दबंगों ने मेरे खेत का रास्ता रोक रखा है। मुझे रास्ता दे दिया जाए ताकि मैं खेती कर सकूं। कई महीनों से भागदौड़ कर रहा हूं लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है उल्टा मेरा मजाक उड़ाया जाता है। 

कांग्रेस ने किया सरकार पर हमला 

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस ने लिखा कि आगरा सदर तहसील के सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे एक बुजुर्ग ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग खेत में रास्ते के लिए अधिकारियों के लगातार चक्कर लगा रहे थे लेकिन प्रशासन द्वारा इसे खारिज कर दिया गया। डबल इंजन की सरकार में जनता को अपना हक़ और अधिकार पाने की उम्मीद खत्म हो चुकी है, यही कारण है कि उन्हें न्याय से अधिक मृत्यु आसान लग रही है।

मेरा मजाक उड़ाया जाता है: किसान शिवचरण 

किसान शिवचरण को जब बाहर से उसके डीजल को धोकर दोबारा अफसरों के सामने लाया गया तो उन्होंने कहा कि DM ऑफिस, SDM ऑफिस में अपना शिकायती पत्र दिया था। मगर मेरी समस्या को सुना नहीं, न ही कोई कार्रवाई हुई। मैं इस उम्र में थम चुका हूं, इसलिए आज तहसील दिवस में आया था। काफी देर बैठने के बाद फिर मेरी सुनवाई नहीं हो रही थी। मैं क्या करता, इसलिए खुद पर डीजल डाल लिया। मुझे जीने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि गांव जाने पर सब मजाक उड़ाते हैं।
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एसडीएम ने क्या कहा ? 

सदर तहसील के एसडीएम सचिन राजपूत ने बताया कि शिवचरण की शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराई गई थी। जांच में यह सामने आया कि उनके खेत तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता मौजूद नहीं है। शिवचरण चकबंदी का हवाला दे रहे हैं, लेकिन चकबंदी से पहले के नक्शे में भी वहां कोई रास्ता नहीं दर्शाया गया है। संभव है कि पहले एक कच्चा रास्ता रहा हो, जिसे अब बंद कर दिया गया हो। ऐसे में प्रशासन यह प्रयास कर रहा है कि उनकी समस्या का उचित समाधान निकाला जा सके।

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