राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल के अनुसार टीबी उन्मूलन की दिशा में अहम कदम उठाए जाने से मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं। वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2023 में टीबी के नए मरीजों के पंजीकरण दर में 34 फीसदी कमी आई है वहीं मृत्युदर में 37 फीसदी की कमी देखने को मिली है। पिछले तीन वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में वर्ष 2022 में 142133, वर्ष 2023 में 133677 और वर्ष 2024 में 133805 नए टीबी रोगी सामने आए थे। इनमें से वर्षवार क्रमश: 130438, 122588 और 124671 रोगी इस बीमारी को हराकर ठीक हो चुके हैं।
प्रत्येक तहसील में टीबी की जांच संभव होगी
पटेल का कहना है कि टीबी रोगियों को पौष्टिक भोजन तथा श्रेष्ठ उपचार उपलब्ध कराकर मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। ट्रूनैट मशीन के माध्यम से राज्य की प्रत्येक तहसील में टीबी की जांच संभव होगी। इसके लिए 180 मशीनों की खरीदी का कार्य प्रगति पर है। फिलहाल 141 ट्रूनैट मशीनों से यह सेवा मरीजों को मिल रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वर्ष 2018 में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम आरंभ किया गया था। राज्य में टीबी के मरीजों के निदान के लिए 2251 नि:शुल्क सूक्क्ष्म प्रयोगशालाओं की सुविधा उपलब्O है। राज्य में 10,832 निक्षय मित्र का रजिस्ट्रेशन निक्षय पोर्टल पर किया गया है।