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 अजमेर का फॉयसागर अब ‘वरुण सागर’, वरुण देव की प्रतिमा लगेगी

– घाटों का होगा निर्माण, पूजा-अर्चना की सुविधा होगी – एलिवेटेड रोड का नाम ‘रामसेतु’ रखने का प्रस्ताव अजमेर. अंग्रेजी हुकूमत के दौरान निर्मित फॉयसागर झील अब ‘वरुण सागर’ कहलाएगी। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने निर्णय लेते हुए अजमेर की प्रसिद्ध फॉयसागर झील का नाम बदलकर वरुण सागर कर दिया। यह बदलाव भारत के गौरवशाली […]

अजमेरFeb 12, 2025 / 11:38 pm

Dilip

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– घाटों का होगा निर्माण, पूजा-अर्चना की सुविधा होगी

– एलिवेटेड रोड का नाम ‘रामसेतु’ रखने का प्रस्ताव

अजमेर. अंग्रेजी हुकूमत के दौरान निर्मित फॉयसागर झील अब ‘वरुण सागर’ कहलाएगी। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने निर्णय लेते हुए अजमेर की प्रसिद्ध फॉयसागर झील का नाम बदलकर वरुण सागर कर दिया। यह बदलाव भारत के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक पहचान को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल ही में किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम परिवर्तन कर महर्षि दयानंद विश्रांति गृह किया गया।
बुधवार को सर्किट हाउस में देवनानी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि करीब 132 साल पहले अकाल राहत व शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए अंग्रेज अधिकारी कर्नल फॉय ने इस झील का निर्माण करवाया। उसके नाम से ही इसे जाना जाता रहा था। सरकार ब्रिटिश काल की उन सभी निशानियों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है जो राष्ट्रीय अस्मिता को ठेस पहुंचाती हैं। फॉयसागर का नाम परिवर्तन इसी दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे यह झील अब भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ सकेगी। वरुण भगवान झूलेलाल का अवतरित स्वरूप व सिंधी सहित अन्य समाजों के आराध्य देव हैं।
भगवान वरूण की प्रतिमा होगी स्थापित

देवनानी ने बताया कि भगवान वरूण की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। इससे यहां सांस्कृतिक महत्व और परिलक्षित हो सकेगा।

केईएम का नाम भी बदला
शहर के बीच स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल भी 113 वर्ष पुराना गुलामी का प्रतीक था। इसका नाम महर्षि दयानंद विश्रांति गृह किया गया। अजमेर महर्षि दयानंद की निर्वाण स्थली है। महर्षि दयानंद की जयंती पर उनके नामकरण का शिलालेख लगाया जाएगा।
वैचारिक बदलाव जरूरी, आवंटन करवाया था निरस्त

देवनानी ने बताया कि वैचारिक बदलाव भी जरूरी है। तेलंगाना हाउस की जमीन का आवंटन निरस्त करवाया था। ट्यूरिस्ट विभाग की होटल खादिम का नाम भी बदलकर होटल अजयमेरू करवाया था। उन्होंने कहा कि वैचारिक संस्कृति को समृद्ध करने की हम सबकी जिम्मेदारी है। भविष्य में और कई बदलाव भी देखने को मिलेंगे।
दीवार पीछे होगी, मंत्रालय की मिली मंजूरी

उन्होंने कहा कि शहर में गुणवत्तापूर्ण सड़कों के निर्माण के साथ ही वाल-टू-वाल सड़क निर्माण कर ब्लॉक लगाए जाएंगे। बीएसएनएल व पोस्ट आफिस कार्यालय की दीवारों को पीछे खिसकाया जाएगा। मंत्रालय स्तर से इसकी मंजूरी मिल गई है। रिंग-रोड के लिए भी मेप तैयार किया जा रहा है।
विकास कार्यों की दी जानकारी

देवनानी ने क्षेत्र में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने अजमेर शहर में सड़क निर्माण, वर्षा जल संचयन, सीवरेज सफाई और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के कामों की जानकारी दी। उन्होंने वरुण सागर पर भगवान वरुण देव की प्रतिमा स्थापति करवाए जाने की भी घोषणा की।
संस्थाओं ने किया स्वागत

परोपकारिणी सभा ऋषि उद्यान के आचार्य सत्य निष्ठ ने मंत्रोच्चार व माल्यार्पण कर देवनानी का स्वागत किया। कार्यक्रम में रामस्वरूप आचार्य, सुभाष नवाल, सोमरत्न आर्य, नवीन मिश्र, चिरंजीलाल, राकेश झंवर, सत्येंद्र शास्त्री, रमेश चेलानी, कुमार लालवानी, मनीष गवलानी सहित कई अन्य मौजूद रहे। महर्षि दयानंद स्मारक न्यास अजमेर, आर्य समाज आदर्श नगर, परोपकारिणी सभा, महेश कल्याण समिति रामनगर, महेश्वरी सेवा समिति कृष्णगंज, माहेश्वरी धड़ा चौधरियान, होलीदड़ा, गुर्जर समाज माकड़वाली, लघु उद्योग भारती अजमेर, औद्योगिक क्षेत्र गेगल, आनासागर सर्कुलर लिंक रोड विकास समिति सहित अनेक सामाजिक संस्थाओं ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का आभार व्यक्त किया। राजावीर साहिब दरबार एवं दुर्गा माता मन्दिर के महन्त टहलगिरी गोस्वामी, नारी भोजवानी, मंधाराम भिरयानी, श्वेता शर्मा, पूनम गीतांजलि सहित कई अन्य ने फाॅयसागर का नाम बदलने का स्वागत किया। पूज्य झूलेलाल जयंती समारोह समिति के कंवल प्रकाश किशनानी, महेन्द्र तीर्थानी ने फॉयसागर का नाम बदलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि भविष्य में झूलेलाल महोत्सव के कार्यक्रम यहां हो सकेंगे।

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