Aligarh News: यूपी और हरियाणा तथा दिल्ली एनसीआर को जोड़ने वाला अलीगढ़ पलवल हाईवे का चौड़ीकरण और नवीनीकरण हो जाने के बाद तीन प्रदेशों के लिए आवागमन और अधिक सुलभ हो जाएगा। इसके चौड़ीकरण की मंजूरी मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर कार्यवाही तेज हो गई है। प्रशासन ने चिन्हित 21 गांव में शिविर लगाने शुरू कर दिए हैं। शेष बचे 10 गांव को जल्द अवार्ड घोषित किया जाएगा।
6 वर्ष पहले लोक निर्माण विभाग में कराया था इस हाईवे का निर्माण
लोक निर्माण विभाग में बीते करीब 6 वर्ष पहले अलीगढ़ से परवल तक करीब 85 किलोमीटर इस मार्ग का निर्माण कराया था। जिसमें कुल लागत 552 करोड़ रुपये की लागत आयी थी। करीब 85 किमी लंबे हाईवे के निर्माण में पीडब्ल्यूडी को 5 साल का समय लगा था। एक रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले साल मार्च 2022 में पीडब्ल्यूडी ने हाईवे का निर्माण करने के बाद इसे एनएचएआई सौंप दिया था। यह हाईवे तीन राज्यों को आपस में जोड़ता है। जिसका सीधा लाभ दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के वासियों को मिलता है। वहीं अब इसके चौड़ीकरण और बाईपास के निर्माण को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है।
21 गांव की 160 हेक्टर जमीन अधिग्रहण करने के लिए करीब 600 करोड़ मुआवजा दिया जाएगा
अलीगढ़- पलवल हाईवे के नवीनीकरण और चौड़ीकरण निर्माण में करीब ढाई हजार करोड रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। इसमें 1500 करोड रुपए भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे। इस मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 31 गांव की जमीन को अधिग्रहण किया जाना है जिसमें 21 गांव को चिन्हित कर लिया गया है। इन 21 गांव की करीब 160 हेक्टर जमीन अधिग्रहण करने के लिए 600 करोड़ मुआवजा तय किया गया है। इन गांवों को मुआवजा देने की तैयारी
अर्राना, उदयगढ़ी, बांकनेर, गनेशपुर, नगला अस्सू, उसरह रसूलपुर, बुलाकीपुर, चौधाना, जरारा, ऐंचना, लक्ष्मणगढ़ी, राजपुर, रेसरी, जलालपुर, हीरपुरा, खेड़िया बुजुर्ग, इतवारपुर, डोरपुरी, श्यौराल, हामिदपुर व रसूलपुर।