बता दें कि 15 साल की उम्र में इतिहास रचने वाली शैफाली वर्मा का राजस्थान से गहरा नाता है। दरअसल, शैफाली के पूर्वज राजस्थान में ही रहते थे। यही वजह है कि शैफाली वर्मा अपने पैतृक गांव जालावास पहुंची और अपने कुल देवता बाबा मैंडा वाला के मन्दिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान वे अपने पूर्वजों के परिजनों व ग्रामीणों से रूबरू हुई। ग्रामीणों ने गांव की प्रतिभाशाली बेटी शैफाली वर्मा का स्वागत किया।
कई बार यहां अकेली आ चुकी है शैफाली
इस अवसर पर शैफाली वर्मा ने कहा कि उनके पिता संजीव वर्मा दहमी स्थित माता को कुलदेवी व पैतृक गांव जालावास स्थित बाबा मैंडा वाले को कुलदेवता मानते रहे है। परिवार की हर खुशी व सफलता में कुलदेवी व कुलदेवता का ही आशीर्वाद मानते रहे है। जिसके चलते कई बार वो मंदिरों में परिवार के साथ व खुद अकेली आती रहती है।
शैफाली का राजस्थान से है गहरा नाता
इधर, शैफाली वर्मा के पूर्वज परिवार के राजेन्द्र सोनी ने बताया कि शैफाली के परदादा सोहनलाल सोनी जालावास के ही मूल निवासी होने के चलते जालावास में रहते थे। उनके निधन के बाद परदादी अपने पीहर रोहतक के गांव बणियानी बच्चों को लेकर चली गई थी। दादा प्रभातीराम वर्मा के समय से ही परिवार जनों का कुलदेवता व कुलदेवी के आशीर्वाद लेने आना जाना रहता आ रहा है।
तोड़ा चुकी हैं सचिन तेंदुलकर का ये रिकॉर्ड
शैफाली वर्मा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐसी खिलाड़ी हैं, जो महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। सचिन ने जहां 16 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाया था। वहीं, शैफाली ने मात्र 15 साल की उम्र में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाया था। इसके साथ ही शैफाली सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने वाली क्रिकेटर बन गईं। इसके अलावा शैफाली ने पिछले साल बांग्लादेश के खिलाफ 5वें टी-20 इंटरनेशनल में नया मुकाम हासिल किया है। शैफाली ने अपने इंटरनेशनल करियर का 100वां मैच खेलने के साथ ही सचिन तेंदुलकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसके साथ ही शैफाली महिला क्रिकेट में सबसे कम उम्र में 100वां इंटरनेशनल मैच खेलने वाली पहली प्लेयर बनी थी।
कौन है शैफाली वर्मा?
शैफाली वर्मा का जन्म 28 जनवरी 2004 को हरियाणा में एक स्वर्णकार परिवार में हुआ। लेकिन इनका पुस्तैनी गांव राजस्थान के नए जिले खैरथल-तिजारा की मुंडावर तहसील का जालावास है। लेकिन, इनके परदादा के निधन के बाद इनकी परदादी ने गांव छोड़ दिया था और हरियाणा के रोहतक में रहने लगी। यही पर शैफाली का जन्म हुआ था। शैफाली को बचपन से ही क्रिकेट प्रति लगाव था। शैफाली के नाम कई कीर्तिमान दर्ज है। वो टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर हैं।