कोटपूतली में ही जिला न्यायालय की स्थापना के आदेश जारी किए जाने के बाद क्षेत्र में जश्न का माहौल है। कोटपूतली बार एसोसिएशन और शहरवासियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। मंगलवार को कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाइयां दी और सडक़ पर आतिशबाजी की। बार एसोसिएशन अध्यक्ष उदय सिंह तंवर ने इसे कोटपूतली की ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह सिर्फ अधिवक्ताओं नहीं, बल्कि हर आम नागरिक की जीत है। तंवर ने बताया कि बार एसोसिएशन ने लगातार 55 दिनों तक आंदोलन, ज्ञापन और प्रदर्शन के माध्यम से यह मांग सरकार तक पहुंचाई थी। ग्रामीणों और शहरवासियों को अब जयपुर या अलवर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय, श्रम और धन तीनों की बचत होगी। बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रणजीत वर्मा, कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता रिछपाल चौधरी, डा.रमाकांत शर्मा, रामचंद्र यादव, ओमप्रकाश सैनी, जितेंद्र रावत, सुरेश मीणा, सागरमल शर्मा, हरिश्चंद्र चतुर्वेदी, हजारीलाल आर्य, प्रभा अग्रवाल, मधुसूदन अग्रवाल, जयसिंह शेखावत, बजरंगलाल शर्मा व सुबेसिंह मोरोडिया सहित दर्जनों अधिवक्ताओं और गणमान्य नागरिकों ने इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करते हुए सरकार और विधि विभाग का आभार व्यक्त किया।
जिला न्यायालय को बहरोड़ के बजाय कोटपूतली में स्थापित करने की अधिसूचना जारी होने के बाद बहरोड़ में सियासी पारा चढ़ गया है। इससे अधिवक्ता संघ और स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी देखी गई। जिसका असर मंगलवार को नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी साफ दिखा और उन्होंने एक-दूसरे पर आरोप लगाए।
विधायक डॉ. जसवंत यादव ने पत्रकारों से दावा किया कि उन्होंने जिला एवं सेशन न्यायालय को बहरोड़ में खोलने के लिए विधानसभा में भी बात रखी थी और राज्य सरकार से उन्हें आश्वासन मिला था। इसके लिए काफी प्रयास किए, लेकिन यह सब कुछ पिछली कांग्रेस सरकार के समय में ही तय हो चुका था। विधायक के अनुसार न्यायपालिका की रिपोर्ट कोटपूतली के पक्ष में गई है। इसके कारण कोटपूतली में जिला न्यायालय खुला है। अधिवक्ताओं की ओर से उनके, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पूर्व विधायक बलजीत यादव का पुतला दहन करने पर उन्होंने व्यंग्य किया। यादव ने कहा कि वकीलों को तीनों का पुतला एक ही श्मशान घाट में नहीं देना था। ’’अगर अलग-अलग श्मशान घाट देते तो वह स्वर्ग में चले जाते, लेकिन अब तीनों ही नरक में जाएंगे।
विधायक ने जनता से विश्वासघात किया
पूर्व विधायक बलजीत यादव ने विधायक डॉ. जसवंत यादव पर जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। यादव ने कहा कि पिछली सरकार में निर्दलीय विधायक होने के बावजूद उन्होंने कोटपूतली के साथ बहरोड़ को जिला बनवाया और आधे कार्यालय बहरोड़ में खोलने की सहमति भी बनी थी। उस समय अस्थाई रूप से एसपी और कलक्टर को कोटपूतली में बैठाया गया था और पनियाला के पास कार्यालय खोलने के लिए जगह भी चिन्हित हुई थी। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया, ’’सरकार बदलने के बाद वर्तमान विधायक की नाकामी के कारण एक भी कार्यालय यहां नहीं खोला जा रहा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि जिला एवं सेशन न्यायालय के लिए बहरोड़ में वकीलों ने दो महीने तक धरना -प्रदर्शन किया और जनता ने भी मांग की, लेकिन वर्तमान विधायक एक बार भी धरने पर नहीं आए।
सांसद और विधायक की कमजोर पैरवी का नतीजा
कोटपूतली में जिला न्यायालय खोले जाने और बहरोड़ में नहीं खुलने के मुद्दे पर कांग्रेस पीसीसी सचिव संजय यादव ने प्रेस वार्ता में कहा कि कोटपूतली-बहरोड़ जिले के ज्यादातर जिला स्तरीय कार्यालय पहले से ही कोटपूतली में स्थापित हो चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बावजूद विधायक और अलवर सांसद ने बहरोड़ में जिला न्यायालय खोलने को लेकर राज्य सरकार के सामने ठीक से पैरवी नहीं की। इसी का नतीजा है कि जिला न्यायालय बहरोड़ में नहीं खुलकर कोटपूतली में खुल गया है, जबकि बहरोड़ की जनता के साथ ही अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय की मांग को लेकर पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी थी। संजय यादव ने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी अधिवक्ताओं के साथ मिलकर जिला न्यायालय के लिए आगे की रणनीति तैयार करेगी।