अलवर में उपनगरीय स्टेशन का निर्माण जरूरी
यहां कथावाचकों के भी कार्यक्रमों में बड़ी सांख्य में लोग पहुंचते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के केंद्र होने के कारण भी यात्रीभार बढ़ता है, इसलिए अलवर में उपनगरीय स्टेशन का निर्माण जरूरी है। यह अपना घर शालीमार के पास बनाया जाना चाहिए, जिससे यहां की 50 हजार आबादी और नजदीकी कालोनियों के लोगों को अलवर जंक्शन न जाना पड़े और मथुरा-रेवाड़ी के बीच ट्रेन बिना रिवर्सल चलाई जा सकें।वाशिंग एवं पिट लाइन का निर्माण भी जरूरी
उन्होंने लिखा कि वाशिंग व पिट लाइन का निर्माण भी जरूरी है। जोधपुर मण्डल में जोधपुर, भगत की कोठी, बाड़मेर में यह सुविधा है। बीकानेर मण्डल में बीकानेर, लालगढ़, श्रीगंगानगर और हिसार के साथ ही हनुमानगढ़ में नई वाशिंग लाइन बनाए का प्लान है। लेकिन जयपुर मण्डल में सिर्फ जयपुर में रख-रखाव की सुविधा है। यह सुविधा मिले तो यहां से ट्रेन ओरिजिनेट और टर्मिनेट हो सकें। अलवर शहर देश और राज्य की राजधानी के बीच में है।दैनिक रेल सेवा के संचालन की मांग
पत्र में वन मंत्री ने मथुरा से कोटा वाया अलवर-बांदीकुई-दौसा-गंगापुर सिटी दैनिक रेल सेवा के संचालन की मांग की है। कोटा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के आवागमन के लिए कोटा की ट्रेन की मांग की है। वर्तमान में इनको ट्रेन बदलनी पड़ती है, जिससे समय और धन का व्यय होता है।वहीं,अलवर-मथुरा रेलखंड होकर चल रही 12403/04 लालगढ़-प्रयागराज ट्रेन में यात्रीभार अधिक है, जिसके कारण गोवर्धन एवं मथुरा /वृन्दावन जाने वाले श्रद्धालुओं की खातिर मथुरा-कोटा वाया गोवर्धन-अलवर-बांदीकुई-दौसा दैनिक ट्रेन संचालन की मांग की है।