वहीं, खुर्रा-चैनपुरा (करौली) से पानी दूरी तय करके नहर के जरिए 9 ब्लॉकों में मिलेगा। इसके लिए 12 फरवरी को टेंडर होने थे, लेकिन तकनीकी समस्या आने की वजह से अब ये 3,446 करोड़ रुपए के टेंडर 16 मई को होंगे। इसका काम नवंबर तक शुरू होने की उमीद है। इसका पानी 150 किलोमीटर दूरी तय करके यहां पर पहुंचेगा। यह काम पूरा चार साल में होगा।
नहर और टनल के जरिए पहुंचेगा पानी
परियोजना का पानी कई रास्तों से होकर आएगा। इसमें सबसे ज्यादा समस्या पहाड़ी इलाकों में हैं। जहां पर नहर के जरिए पानी लाना आसान नहीं है, इसके लिए विभाग टनल के जरिए पानी लाएगा। बताया जा रहा है कि जहां-जहां पहाडी नहर के लिए अवरोध बन रही हैं। वहां पर टनल के लिए खाका तैयार किया जा रहा है। नहर का निर्माण होने के बाद इसमें पानी छोड़कर जांचा जाएगा। 7 ब्लॉकों के गांव होंगे लाभांवित
भरतपुर के जरिए चंबल के पानी से अलवर के सात ब्लॉक बहरोड़, किशनगढ़बास, कोटकासिम, मुंडावर, नीमराणा, रामगढ़, तिजारा के 882 शहरी और ग्रामीण इलाकें के गांव लाभांवित होंगे। चंबल नहर के जरिए केवल पीने का पानी आएगा। चैनपुरा से नहर के पानी का उपयोग पीने और खेती के लिए हो सकेगा। गांवों में टंकियों के निर्माण सहित विभाग कई तैयारियों में जुटा हुआ है।
अलवर से खुर्रा- चैनपुरा (करौली) की दूरी- 150 किलोमीटर धमरेड़ बांध से नटनी के बारां तक- 45 से 50 किलोमीटर नटनी के बारां से जयसमंद बांध- 12 किलोमीटर नटनी के बारां से लेकर रूपारेल सहित घाट बांध- 40 किलोमीटर
चंबल परियोजना(भरतपुर) की दूरी- 200 किलोमीटर अलवर को चंबल परियोजना के जरिए 9 ब्लॉकों के 882 गांवों को लाभ मिलेगा। इसके टेंडर हो गए हैं। अक्टूबर तक इसका काम शुरू हो जाएगा।
– हरीकिशन अग्रवाल, एसई पीएचडी परियोजनव वृत, भरतपुर।