एजीटीएफ ने बताया कि 5 सितंबर 2019 की रात को बहरोड़ पुलिस ने गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ पपला को एक स्कॉर्पियो व करीब 32 लाख रुपए के साथ पकड़ा था। इस दौरान एक बदमाश मौके पर ही कार से उतर कर फरार हो गया। जिसकी पहचान राजवीर के रूप में हुई थी। इसके बाद 6 सितंबर की सुबह आधुनिक हथियारों से लैस होकर आए 32 बदमाश थाने पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को छुड़ा ले गए थे। राज्य सरकार की ओर से मामले में नियुक्त विशेष अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा ने बताया कि थाने की फायरिंग के लिए बदमाश राजवीर गुर्जर ने ही एके-47 व एके-56 जैसे हथियार विक्रम उर्फ पपला के साथ कार में लेकर जा रहा था। जैसे ही पुलिस ने उन्हें नाकाबंदी में पकड़ा तो बदमाश राजवीर गुर्जर हथियारों से भरा बैग लेकर मौके से भाग निकला था। इसके बाद पपला गुर्जर को छुड़ाने के लिए पहले विभिन्न माध्यमों से प्रयास किए। बात नही बनने पर बदमाशों को एके-47 व एके-56 जैसे आधुनिक हथियारों से फायरिंग कर छुड़ाने के षड़यंत्र रचा था।अन्य बदमाशों व हथियारों को लेकर पूछताछ एजीटीएफ व स्थानीय पुलिस ने बुधवार को बदमाश को बहरोड़ स्थित कोर्ट में पेश किया। जहां से पांच दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस बदमाश से घटना में शामिल अन्य बदमाशों व हथियारों को लेकर पूछताछ करेंगी। एजीटीएफ ने बदमाश से एके- 56 के साथ ही अन्य हथियार भी बरामद किए है।
एजीटीएफ के अधिकारी ने बताया कि बदमाश गांव में क्रिकेट खेलता था और गांव में लारा के नाम से प्रसिद्ध था। इसके कारण बदमाश को पकड़ने के लिए एजीटीएफ ने ऑपरेशन लारा चलाया। इस दौरान टीम को पता चला कि बदमाश सोशल मीडिया व मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करता है। इसके अलावा परिवार व रिश्तेदारों के भी सम्पर्क में नहीं रहता था। वहीं बदमाश पुलिस से बचने के लिए दक्षिण भारत के अखाड़ों में भेष व नाम बदल कर रहता था। बदमाश महेंद्रगढ़ हरियाणा में हत्या, आर्म्स एक्ट व अन्य धाराओं में दो मामले दर्ज है। वह हत्या के मामले में जमानत पर बाहर आया था और उसके बाद गैंगस्टर विक्रम गुर्जर उर्फ पपला गुर्जर की गैंग के लिए काम करने लगा। पपला गुर्जर के पकड़े जाने के बाद बदमाश राजवीर उर्फ लारा ही गैंग को ऑपरेट कर रहा था।