CG school: जहां छात्रों की संख्या होगी कम, वे दूसरे स्कूलों में होंगे विलय, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए ये है नियम
CG school: स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर हुई बैठक में कलेक्टर ने शासन की गाइडलाइन का पालन करने के दिए निर्देश, अधिक शिक्षकों वाले स्कूलों के शिक्षक भी दूसरे स्कूलों में किए जाएंगे पदस्थ
अंबिकापुर. कलेक्टर विलास भोसकर की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्कूलों एवं शिक्षकों (CG school) के युक्तियुक्तकरण को लेकर बैठक आयोजित हुई। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए पारदर्शिता के साथ युक्तियुक्तकरण के रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था दी जा सके। बैठक में जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल, एसडीएम फागेश सिन्हा, नीरज कौशिक, जेआर सतरंज, जिला शिक्षा अधिकारी एके सिन्हा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अतुल परिहार, बाल विकास परियोजना अधिकारी, बीईओ व बीआरसी उपस्थित रहे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया किए स्कूली शिक्षा (CG school) की गुणवत्ता सुधारने और शिक्षकों की उपलब्धता को संतुलित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह प्रक्रिया राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप है।
Collector meeting शहरी क्षेत्रों में 30 से कम और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 से कम दर्ज संख्या वाली शालाओं (CG school) को पास के विद्यालयों में मिलाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ होगी। यह निर्णय जिलों की विकासखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय समितियों की अनुशंसा पर आधारित होगा। अंतिम आदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया जाएगा।
स्कूल भवनों के उपयोग, विद्यार्थियों के अभिलेख, और विद्यालय की पहचान को सुरक्षित रखते हुए समायोजन किया जाएगा। राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शिक्षक उपलब्धता में संतुलन और प्रशासनिक दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में यह अहम भूमिका माना जा रहा है।
CG school: शिक्षकों की भी दूसरे स्कूलों में की जाएगी पदस्थापना
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शासन के आदेश के अनुसार जहां बच्चों की संख्या कम है या एक ही परिसर में एक से अधिक विद्यालय (CG school) संचालित हो रहे हैं, वहां स्कूलों का एकीकरण किया जाएगा। साथ ही जिन विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से अधिक है, उन्हें जरूरत वाले विद्यालयों में पुन: पदस्थ किया जाएगा।
शिक्षकों की पुन: पदस्थापना काउंसिलिंग प्रक्रिया के माध्यम से की जाएगी। एक ही विषय के शिक्षकों में कनिष्ठ को अतिशेष माना जाएगा। विशेष ध्यान यह रखा जाएगा कि ई संवर्ग और टी संवर्ग के शिक्षक (CG school) केवल अपने संवर्ग की शालाओं में ही पदस्थ रहेंगे।
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