इस तरह देते थे वारदात को अंजाम
मामला 9 मार्च का है, जब हसनपुर निवासी सुरमित कुमार गुप्ता की पत्नी रेशू गुप्ता और उनकी दो बेटियां इस गिरोह का शिकार हुईं। आरोपियों ने उन्हें ईको वैन में बैठाया और सफर के दौरान उनके बैग से सोने के गहने व नकदी चुरा ली। इसके बाद उन्हें पेट्रोल पंप के पास उतारकर फरार हो गए।
गजरौला तिराहे से दबोचे गए आरोपी
मेरठ पुलिस ने ऑपरेशन दृष्टि के तहत 22 मार्च को गजरौला तिराहा हसनपुर से गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों में रिंकू, आकिल, विकास उर्फ मीनू, मीला, स्वेता और सुनार ललित वर्मा शामिल हैं। इनमें से पांच आरोपी हापुड़ के जोगीपुरा के रहने वाले हैं, जबकि सुनार ललित वर्मा मेरठ का निवासी है।
परिवार बनकर करते थे ठगी
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य खुद को एक परिवार के रूप में पेश करते थे। इनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल रहते थे, जिससे किसी को शक न हो। ये लोग राहगीरों को गंतव्य तक छोड़ने का झांसा देकर अपनी कार में बैठा लेते थे। गाड़ी की मॉडिफाइड सीट के नीचे से यात्रियों का बैग निकाल लिया जाता था, जबकि पीछे बैठे अन्य सदस्य बैग से कीमती सामान चोरी कर लेते थे। चोरी के गहने मेरठ निवासी सुनार ललित वर्मा को बेच दिए जाते थे। कई जिलों में दर्ज हैं मुकदमे
गिरोह के खिलाफ विभिन्न जिलों में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस अब अन्य मामलों में भी इनकी संलिप्तता की जांच कर रही है। पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में सक्रिय ठग गिरोहों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।