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अशोकनगर

आठ महीने बताकर गर्भवती को अस्पताल से भगाया, हाईवे पर बच्चे का जन्म

MP News: मध्य प्रदेश में अक्सर ऐसी खबरें सुर्खियों में आ ही जाती हैं, ताजा मामला अशोकनगर जिले का है, जहां प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को अस्पताल से भगा दिया गया, महिला ने हाईवे पर ही बच्चे को जन्म दे दिया, ये मामला एक खबर नहीं है, बल्कि उस सरकारी व्यवस्था पर तमाचा है, जो जननी सुरक्षा का वादा करती है।

अशोकनगरJun 26, 2025 / 01:27 pm

Sanjana Kumar

Woman Gives Birth a baby on Highway in MP

Woman Gives Birth a baby on Highway in MP (फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP News: शासन भले ही जननी सुरक्षा के दावे करता हो, लेकिन जिले में हालात यह हैं कि प्रसव पीड़ा से कराहती महिला ने पैसे नहीं दिए तो स्वास्थ्य केंद्र में उसे भर्ती किया गया और उसकी कोई एंट्री की। साथ ही आठ कहकर उसे यह कहकर भगा दिया कि अशोकनगर जाइए। ऑटो से जाते समय एक घंटे बाद ही प्रसव पीड़ा बढ़ी तो परिजनों ने हाईवे किनारे नुकीली गिट्टी पर लिटाकर उसका प्रसव कराया।

मुंगावली विकासखंड का मामला

मामला मुंगावली विकासखंड का है। बहादुरपुर क्षेत्र के खजूरियाचक निवासी 21 वर्षीय साजुल पत्नी संजीव पारदी की बुधवार सुबह करीब 6 बजे नेशनल हाइवे क्रमांक 346ए पर ढुड़ैर गांव के पास सड़क किनारे प्रसव हो गया। परिजन विद्याबाई का कहना है कि रात साढ़े तीन बजे प्रसूता को लेकर बहादुरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां मिली नर्स ने पैसे मांगे, पैसे न देने पर उसने न तो रजिस्टर में एंट्री की और न ही भर्ती पर्चा बनाया। साथ ही सात से आठ माह की गर्भावस्था कहकर अशोकनगर जाने के लिए कह दिया। इससे वह मुंगावली रेलवे स्टेशन तक पहुंचने उसे ऑटो से बिठाकर लाए, जहां प्रसव पीड़ा बढ़ी तो सड़क किनारे ही प्रसव कराना पड़ा।

एंबुलेंस भी नहीं कराई उपलब्ध, 400 रुपए में किराए पर किया ऑटो

जहां आधी रात को प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को खजूरिया चक से खैरोदा चक तक परिजन बाइक से लेकर आए और यहां से एंबुलेंस ने बहादुरपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। भर्ती या रैफर पर्चा दिए बिना ही अशोकनगर जाने के लिए बहादुरपुर स्वास्थ्य केंद्र से कह दिया गया और उसे एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराई गई। इससे परिजनों ने रात में 400 रुपए में किराए से बहादुरपुर से मुंगावली रेलवे स्टेशन तक के लिए ऑटो किराए पर ली, लेकिन रास्ते में प्रसव हो जाने से बाद में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आखिर क्यों जारी है जिले में ऐसी मनमानी?

शासन भले ही व्यवस्थाओं पर लाखों रुपए खर्चा कर रहा हो, लेकिन जिले में जिम्मेदारों की मनमानी जारी है। जहां दर्द से कराहती प्रसूता की पीड़ा को देखने के बाद भी जिम्मेदार अमानवीयता दिखा रहे हैं। यह पहला मामला नहीं है, बल्कि पहले भी कई ऐसे मामले आ चुके हैं, प्रसव कराए बिना ही महिलाओं को भगा दिया गया और बाद में रास्तों में उनके प्रसव हुए। दो साल पहले मुंगावली क्षेत्र में ही जननी एक्सप्रेस चालक दर्द से तड़पती प्रसूता को सिर्फ इसलिए रास्ते में उतारकर चला गया था कि परिजनों ने उसे रुपए नहीं दिए थे। जिलेवासियों का सवाल है कि आखिर इस मनमानी पर कब लगाम लगेगी।

इस मामले में ऐसे दर्दनाक हालात

● महिला के पास कोई अलग से कपड़े न होने से साड़ी के एक हिस्से को फाड़कर परिजनों ने प्रसव कराया और उसी कपड़े से नवजात बच्ची को रखा।
● प्रसव कराने जिस साड़ी का हिस्सा फाड़ा गया, उसी साड़ी के एक हिस्से को फाड़कर प्रसव के बाद प्रसूता के सिर पर बांधा गया, ताकि हवा न लगे।

● जहां प्रसव तो नेशनल हाइवे किनारे पड़ी नुकीली गिट्टी पर लिटाकर किया ही, वहीं प्रसव के बाद महिला नंगे पैर इसी नुकीली गिट्टी पर चली।
● बहादुरपुर स्वास्थ्य केंद्र में कोई एंट्री न होने से स्वास्थ्य केंद्र द्वारा इस तरह किसी प्रसूता के आने से इंकार किया जा रहा है।

अभा नोटिस देने को कहती हूं

यदि ऐसा कुछ हुआ है तो यह बहुत गलत है। मैं अभी भोपाल में ट्रेनिंग में हूं, प्रभारी को तुरंत नोटिस जारी करने के लिए कहती हूं और 30 जून को ट्रेनिंग से लौटकर इस मामले में विधिवत कार्रवाई की जाएगी।

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