शर्मा के अनुसार होलिका जलने पर जिस दिशा में धुंआ उठता है, उससे आने वाले समय की घटनाओं का पूर्वानुमान हो जाता है। होलिका दहन की आग सीधी ऊपर उठे तो उसे बहुत शुभ माना गया है। वहीं, दक्षिण दिशा की ओर झुकी होलिका की आग को देश में बीमारियां और दुर्घटनाओं का संकेत देने वाला माना जाता है। आइये जानते हैं होलिका दहन की लौ से क्या क्या पता चलता है।
आग का ऊपर उठना शुभ
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार होलिका दहन के समय आग की लौ अगर सीधे आगे बढ़ रही हो यानी आसमान की तरफ उठे तो अगली होली तक सब कुछ अच्छा होता है। खासतौर से सत्ता और प्रशासनिक क्षेत्रों में बड़े सकारात्मक बदलाव होते हैं। बड़ी जन हानि या प्राकृतिक आपदा की आशंका भी कम रहती है। पूजा-पाठ और दान से परेशानियां खत्म होंगी।
पूर्व दिशा में बढ़े लौ तो क्या होगा (Holika Dahan Astrology East Flame)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार होलिका दहन की लौ पूर्व दिशा की ओर झुके तो इसे बहुत शुभ माना गया है। इससे शिक्षा-अध्यात्म और धर्म को बढ़ावा मिलता है। रोजगार की संभावना बढ़ती है। लोगों की सेहत में सुधार होता है। मान-सम्मान में भी बढ़ता है।
पश्चिम दिशा में लौ का रूख हो तो क्या होगा (Holika Dahan Astrology West Flame)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि होली की आग पश्चिम की ओर उठे तो पशुधन को लाभ होता है। आर्थिक प्रगति होती है, लेकिन धीरे-धीरे। थोड़ी प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी रहती है, लेकिन कोई बड़ी हानि नहीं होती है। इस दौरान चुनौतियां बढ़ती हैं लेकिन सफलता भी मिलती है। ये भी पढ़ेंः Holika Dahan: होलिका दहन पर भद्रा का साया, जानें कब जलेगी होली, किस दिन मनेगा रंगोत्सव धुलंडी उत्तर दिशा की आग क्या संकेत देती है (Holika Dahan Astrology North Flame)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि होलिका दहन के वक्त आग उत्तर दिशा की ओर होती है तो देश और समाज में सुख-शांति बढ़ती है। इस दिशा में कुबेर समेत अन्य देवताओं का वास होने से आर्थिक प्रगति होती है। चिकित्सा, शिक्षा, कृषि और व्यापार में उन्नति होती है।
दक्षिण दिशा में होलिका की आग देती है अशुभ का संकेत (Holika Dahan Astrology South Flame)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि इस दिशा में होलिका दहन की आग का झुकना अशुभ माना गया है। दक्षिण दिशा में होलिका की लौ होने से झगड़े और विवाद बढ़ने की आशंका रहती है। युद्ध-अशांति की स्थिति भी बनती है। इस दिशा में यम का प्रभाव होने से रोग और दुर्घटना बढ़ने का अंदेशा भी रहता है।