ऑटोमेटिक कार के फायदे
ड्राइव करना आसान: ऑटोमेटिक कार में गियर और क्लच की झंझट नहीं होती। सिर्फ एक्सेलेरेटर और ब्रेक से गाड़ी कंट्रोल होती है जिससे ट्रैफिक में चलाना बहुत आसान होता है। ट्रैफिक में कम थकान: मेट्रो सिटी या भारी ट्रैफिक वाले इलाकों में ऑटोमेटिक कार चलाना कम थकाऊ होता है क्योंकि बार-बार गियर शिफ्ट नहीं करना पड़ता। स्मूद राइड: ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन गियर को अपने आप बदलता है जिससे ड्राइव ज्यादा स्मूद और आरामदायक महसूस होती है।
सीखने में आसान: नए ड्राइवर्स के लिए ऑटोमेटिक कार चलाना मैनुअल के मुकाबले आसान होती है। गाड़ी कंट्रोल करने पर ज्यादा फोकस कर सकते हैं।
ऑटोमेटिक कार के नुकसान
महंगी होती है: एक ही मॉडल की ऑटोमेटिक कार, मैनुअल वर्जन से 50,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक महंगी हो सकती है। कम माइलेज: आमतौर पर ऑटोमेटिक कारों का माइलेज मैनुअल की तुलना में थोड़ा कम होता है। हालांकि अब नए मॉडल्स में ये अंतर घट रहा है। रखरखाव महंगा: ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन की सर्विसिंग और रिपेयर कॉस्ट मैनुअल के मुकाबले अधिक होती है।
कम कंट्रोल: मैनुअल कार में ड्राइवर को गियर पर पूरा कंट्रोल होता है जबकि ऑटोमेटिक में सिस्टम अपने हिसाब से गियर बदलता है जिससे कभी-कभी ड्राइविंग पर असर पड़ता है।
कौन सी कार चुनें? (Automatic Cars Advantages and Disadvantages)
अगर आप ज्यादातर समय ट्रैफिक में ड्राइव करते हैं रोजाना ऑफिस जाना होता है या ड्राइविंग में नए हैं तो ऑटोमेटिक कार आपके लिए बेहतर हो सकती है। लेकिन अगर आप लंबी दूरी की यात्रा करते हैं माइलेज और मेंटेनेंस कॉस्ट का ध्यान रखते हैं तो मैनुअल कार ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है।