मामला वर्ष 2006 का है। 5 अप्रैल 2006 को सुबह करीब 7 बजे रमाकांत यादव ने अपने 200-250 समर्थकों के साथ पवई चौराहे पर टेंट लगाकर कलान-अजमगढ़ और मित्तूपुर मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया था। इस घटना से आम जनता को आवागमन में भारी परेशानी हुई और प्रशासनिक कार्य बाधित हुए थे। तत्कालीन थानाध्यक्ष पवई मूलचंद चौरसिया की तहरीर पर पवई थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
जानिए पूरा मामला
मामला वर्ष 2006 का है। 5 अप्रैल 2006 को सुबह करीब 7 बजे रमाकांत यादव ने अपने 200-250 समर्थकों के साथ पवई चौराहे पर टेंट लगाकर कलान-अजमगढ़ और मित्तूपुर मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया था। इस घटना से आम जनता को आवागमन में भारी परेशानी हुई और प्रशासनिक कार्य बाधित हुए थे। तत्कालीन थानाध्यक्ष पवई मूलचंद चौरसिया की तहरीर पर पवई थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
कोर्ट ने आईएस-133 गैंग के लीडर रमाकांत यादव सहित चारों दोषियों को दोषसिद्ध पाते हुए सजा सुनाई। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने इस कार्रवाई को ऑपरेशन कनविक्शन की सफलता बताया। कहा कि जनपद पुलिस माफिया और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रखेगी। यह सजा आम जनता के बीच कानून के प्रति विश्वास को और मजबूत करेगी।