परिवार से दूर जंगल में कर रही सेवा
ग्रीन सोल्जर शिक्षा सोनी कान्हा नेशनल टाइगर पार्क के कोर व बफर जोन रेंज में तैनात है। उनका पूरा परिवार यहां से 250 किमी छिंदवाड़ा में है। इसके बावजूद वो 9 वर्षो से सेवा कर रही है। उन्होंने जंगल सुरक्षा का किस्सा बताया कि कैसे मधुमक्खियों ने हामला किया और जान बची। वाक्या गढ़ी रेंज का है। यहां टाइगर ने बैल का शिकार कर जंगल में छोड़ दिया था। किसान को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रक्रिया पूरी करनी थी। जब वो अवलोकन कर रही थी, तभी मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। ऐसी स्थिति में पेड़ के समान खड़े रही। ताकि मधुमक्खियां और क्रोधित न हो। लेकिन एक साथ मधुमक्खियों के हमले से बुरी तरह शरीर पर डंक मारे। ऐसी स्थिति में रेंजर को हेल्प के लिए बुलाया गया। इसके बाद 10 दिनों तक उपचार के बाद आराम हुआ। ऐसे कई किस्से हैं, जब उनका सामना बाघ व अन्य वन्य जीवों के साथ हुआ। फिर भी वो आज भी जंगल बचाने के लिए अपने बच्चें को साथ लेकर ड्यूटी पर तैनात रहती है। वास्तव में शिक्षा एक ग्रीन सोल्जर के रूप में बफर जोन में अपना दायित्व निभा रहीं हंै।
जहां खोया पति उसी जंगल में पुष्पलता
ग्रीन सोल्जर पुष्पलता की अपनी एक अलग कहानी है। पुष्पलता के पति चुन्नीलाल की वर्ष 2023 कान्हा में ही मृत्यु हुई थी। यहां कोर इलाके में गश्त के दौरान अचानक तबियत खराब हुई। लेकिन वहां नेटवर्क नहीं होने से समय पर इलाज नहीं मिल पाया। पति की मृत्यु के बाद ही बड़ा बेटा भी चल बसा। परिवार में हर तरह से परेशानियों के बाद पुष्पलता ने पति की कर्मभूमि को ही अपना लिया। 2023 से पुष्पलता प्रतिदिन 12 से 15 किमी. उसी जंगल व वन्य जीवों की परवाह में लगी है। जैसे उनके पति कोई अधूरा काम छोड़ गए। जिसे पुष्पलता ग्रीन सोल्जर के रूप में पूरा कर रही है।