शिकायतकर्ता उपसरपंच मंजीत सैय्याम, प्रेम सिंह मरकाम, घनश्याम धुर्वे, प्रेमलाल मरावी एवं सुबेलाल मरावी ने ग्राम के करीब 11 हितग्राहियों के बनाए गए लघु तालाबों को लेकर शिकायत दर्ज करवाई है। इन्होंने बताया कि कंैडाटोला के सरपंच एवं सचिव ने लघु तालाब में खुलकर भ्रष्टाचार किया है। शिकायत के बाद जिला स्तर के अधिकारियों ने जांच भी की। लेकिन बिना स्थल निरीक्षण किए पंचनामा बनाया गया। टेबल पर जांच कर औपचारिकता निभाते हुए न्यूनतम रिकवरी निकालकर मामले में लीलापोती का प्रयास किया गया है। शिकायत कर्ता ने पुन: निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार कंैडाटोला के हितग्राही सुक्कल सिंह पिता महासिंह नेताम का 2022-23 में 387713 रुपए लागत का लघु तालाब नियम विरुद्ध ग्राम पंचायत भूतना में बना दिया गया है। तालाब निर्माण में अनियमितता बरती गई। तालाब के नाम पर सूखा गड्ढा बनाकर कार्य पूर्ण दर्शा कर सीसी जारी कर दी गई। कार्य पूर्ण होने के बाद 27.05.23 से 1.6.2023 तक का मस्टर जारी कर 27000 रुपए का फर्जी आहरण किया गया है।
इसी तरह कंैडाटोला निवासी दूसरे हितग्राही सुखराजी पिता अंतू यादव का तालाब भी नियम विरूद्ध ग्राम पंचायत सलघट में बनाए जाने की शिकायत की गई है। इस लघु तालाब के लिए 387626 राशि स्वीकृत की गई। यहां भी सूखा गड्ढा बना दिया गया है। इसमें टीचिंग एवं पटल भी नहीं किया गया।
शिकायत में हितग्राही महाराज के लघु तालाब को लेकर भी शिकयत की गई है। बताया गया कि सन 2022-23 में 363376 लागत राशि से कार्य कर 16.5.2023 को कार्य पूर्ण बात कर सीसी जारी कर दी गई। लेकिन सरपंच, सचिव ने मनरेगा नियम के विरुद्ध जाकर 20.6.2023 को 49853 रुपए की राशि पिचिंग हेतु राशि निकाले जाने का आरोप है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार कार्य पूर्ण होने के बाद उसी कार्य के लिए अलग से राशि नहीं निकली जा सकती है।
इसी तरह माखनलाल पिता चैनसिंह के लघु तालाब को लेकर भी आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ताओं के अनुसार सन 2017-18 में पहले चैनसिंह के नाम से करीब ढाई लाख का लघु तालाब बनाया गया। वहीं पुन: 2022-23 में चैनसिंह के पुत्र माखनसिंह के नाम से लघु तालाब उसी स्थान में स्वीकृत कर 387626 रुपए की राशि खर्च कर दी गई। शिकायतकर्ताओं के अनुसार इस प्रकरण जांच में पंचायत पर 19890 की रिकवरी निकाली गई। इतनी गंभीर अनियमितता पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी। वही ंदूसरी बार स्वीकृत की गई पूरी राशि वसूल की जानी चाहिए थी। इसी तरह हितग्राही कवल सिंह पिता मंगलु धुर्वे के लघु तालाब को लेकर भी शिकायत में उल्लेख किया गया है।
इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत कैंडाटोला के पंचायत सचिव संतोक सिंह धुर्वे के अनुसार शिकायतकर्ता गांव के ही उपसरपंच है। इसके पूर्व भी वे चार से पांच बार शिकायत कर चुके हैं। तत्कालीन जिला स्तर के अधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई भी कर चुके हैं। लेकिन शिकायतकर्ता जांच से संतुष्ट नहीं होते हैं। सचिव धुर्वे के अनुसार मनरेगा नियम के अनुसार पंचायत सीमा से पांच किमी के अंदर तक निर्माण कार्य करवाए जा सकते हैं। भूतना और सलघट पंचायत कैंडाटोला की बार्डर में आते हैं। यहां मनरेगा नियम के अनुसार कैडाटोला के हितग्राहियों के निर्माण कार्य यहां करवाए जा सकते हैं। जिन छोटी मोटी कमियों की बात शिकायतकर्ता कह रहे हैं, उसके लिए जांच अधिकारी कार्रवाई कर चुके हैं।
लघु तालाब के नाम पर 387713 रुपए का सूख गड्ढा बना दिया गया है। इसमें पिचिंग एवं पटल भी नहीं किया गया है। मैं सिंचाई कैसे करूं। जांच अधिकारी द्वारा केवल खाना पूर्ति की गई। भ्रष्टाचारियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई।
सुक्कल सिंह, हितग्राही
मंजीत सैय्याम, उपसरपंच कंैडाटोला
संतोक सिंह धुर्वे, सरपचि ग्रापं कंैडाटोला
एस कुड़ापे, एपीओ मनरेगा